श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नेमी दर्शनार्थियों के नाम पर अब फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। लंबे समय से मिल रही शिकायतों और गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए मंदिर न्यास जल्द ही सभी नेमी दर्शनार्थियों के पास रद्द करेगा। अब आधार कार्ड के जरिये मंदिर में नेमियों को प्रवेश दिया जाएगा।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नेमी दर्शनार्थियों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसमें दुर्व्यवहार से लेकर फर्जी नेमी पास भी जारी होने की शिकायतें थीं। मंदिर प्रशासन ने शिकायत के आधार पर नेमी दर्शनार्थियों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी शुरू करा दी है।
सूचना के अनुसार मंदिर की ओर से चार हजार नेमी पास जारी किए गए हैं। इसमें से रोजाना 500 से 700 नेमी ही नियमित दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं। सोमवार, प्रदोष, महाशिवरात्रि या विशेष पर्व पर यह संख्या दोगुनी हो जाती है। शिकायत मिली थी कि 200 से अधिक ऐसे पास भी बने थे जो स्थानीय निवासी नहीं थे। इसमें तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हैदराबाद और पश्चिम बंगाल के निवासी शामिल थे।
बाबा का नियमित दर्शन करने वाले एक नेमी दर्शनार्थी ने बताया कि नेमी पास के नाम पर लंबे समय से गड़बड़ी चली आ रही है। बाबा के दर्शन के लिए काफी संख्या में बनारस और यूपी के बाहर रहने वालों ने भी नेमी पास बनवा रखा है। वहीं कुछ स्थानीय दुकानदारों व पुजारियों ने भी नेमी पास रखे हैं। इसके जरिये वह अपने यजमानों को दर्शन-पूजन करवाते हैं।
आधार कार्ड से मिलेगा प्रवेश
मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थानीय लोगों के दर्शन-पूजन के लिए अलग से द्वार की व्यवस्था शुरू होने के बाद पास की व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। नेमियों से जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद नए सिरे से इसकी जांच की जा रही है।
काशी द्वार का ट्रायल सफल होने के बाद इसे नियमित रूप से लागू किया जाएगा। सावनमें इसकी शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद फिर आधार कार्ड या पहचानपत्र के जरिये काशी द्वार से काशीवासियों और नेमियों को प्रवेश दिया जाएगा।
कुछ आंकड़े
मंदिर न्यास ने जारी किए चार हजार नेमी पास
रोज दर्शन के लिए आते हैं 700 नेमी
नेमी दर्शनार्थी पुरुष- 1785
महिला दर्शनार्थी -1480
संन्यासी- 280
बुजुर्ग नेमी-170
दिव्यांग- 35
बाहरी नेमी- 250
(आंकड़े काशी विश्वनाथ नेमी भक्त मंडल के अनुसार)