कपिल देव मोहिंदर अमरनाथ वीरेंद्र सहवाग गौतम गंभीर और शिखर धवन जैसे दिग्गजों ने दिल्ली के लिए खेला है। मौजूदा समय में विराट कोहली और ऋषभ पंत देश का मान बढ़ रहे हैं। मौजूदा घरेलू क्रिकेट में दिल्ली की टीम से भविष्य के सितारे उभरने की संभावना तो है लेकिन राजनीति और अंदरूनी मतभेदों के चलते कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर नहीं मिल रहे हैं।
एक समय था जब दिल्ली के बल्लेबाज भारतीय क्रिकेट की रीढ़ माने जाते थे। कपिल देव, मोहिंदर अमरनाथ, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और शिखर धवन जैसे दिग्गजों ने न केवल भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया बल्कि टीम की कप्तानी भी संभाली। आज के दौर में विराट कोहली और ऋषभ पंत को छोड़ दें तो दिल्ली का कोई भी बल्लेबाज इस परंपरा को आगे बढ़ाता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर नहीं मिल रहे
मौजूदा घरेलू क्रिकेट में दिल्ली की टीम से भविष्य के सितारे उभरने की संभावना तो है, लेकिन राजनीति और अंदरूनी मतभेदों के चलते कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर नहीं मिल रहे हैं। दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन(डीडीसीए) की राजनीति ने कई युवा खिलाड़ियों का करियर प्रभावित किया है। ध्रुव श्योरा और नितीश राणा इसका उदाहरण हैं, जिन्होंने डीडीसीए से जुड़े विवादों और आपसी संबंधों में खटास के कारण दिल्ली टीम को हमेशा के लिए छोड़ दिया।
डीडीसीए पर लग चुके हैं आरोप
हालांकि, हाल ही में दिल्ली का बल्लेबाजी क्रम कुछ हद तक मजबूत हुआ है, लेकिन खिलाड़ियों के चयन को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। कई बार आरोप लगते हैं कि डीडीसीए में पैसे और सिफारिश के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया जाता है, जिससे योग्य खिलाड़ियों को उचित मौके नहीं मिल पाते। यही कारण है कि दिल्ली के बल्लेबाज भारतीय टीम में अपनी जगह नहीं बना पा रहे हैं।
जल्द भारतीय टीम में मिल सकता मौका
हाल ही में घोषित रेस्ट ऑफ इंडिया अंडर-23 15 सदस्यीय दल में दिल्ली के स्पिनर रौनक बघेला को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज शामिल नहीं किया गया। दिल्ली के तेज गेंदबाज हर्षित राणा वर्तमान में टीम इंडिया का हिस्सा हैं जबकि मयंक यादव भी राष्ट्रीय टीम में खेल चुके हैं। हालांकि, उनकी चोट को लेकर कोई स्पष्ट अपडेट नहीं है।
इस बीच दिल्ली की टीम के कप्तान आयुष बडोनी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर उन्हें उचित अवसर मिले और वे किसी राजनीति के शिकार नहीं हुए तो जल्द ही भारतीय टीम में अपनी जगह बना सकते हैं। दिल्ली के घरेलू क्रिकेट में मौजूद इन चुनौतियों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोई नया बल्लेबाज दिल्ली की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा पाएगा या नहीं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal