सनातन धर्म में फाल्गुन माह की विनायक चतुर्थी तिथि का बेहद खास महत्व है। हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस बार यह तिथि 13 मार्च को है। इस दिन भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही व्रत किया जाता है। विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा के दौरान उनकी आरती अवश्य करनी चाहिए। बिना आरती किए पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश जी की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और साधक को सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। साथ ही व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। चलिए पढ़ते हैं श्री गणेश जी की आरती।
॥श्री गणेश जी की आरती॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
फाल्गुन माह विनायक चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 13 मार्च 2024 को सुबह 04 बजकर 03 मिनट से होगा और 14 मार्च 2024 को देर रात्रि को 01 बजकर 25 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। इस बार विनायक चतुर्थी 13 मार्च को है।