Heavy Rainfall in Bijapur: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में चौदह दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश से तारलागुड़ा इलाके में चारों ओर तबाही का मंजर है। विधायक विक्रम शाह मंडावी और कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने प्रभावित इलाके का दौरा किया। विधायक विक्रम शाह मंडावी ने कलेक्टर के साथ बाइक पर बैठकर बीजापुर में भारी बारिश से प्रभावित इलाकों में पहुंचे।
इधर, बस्तर का सड़क संपर्क तेलंगाना से टूट गया है। वहां रास्ता बंद होने से वे मोटर बोट से कुछ दूर तक गए। फिर बाइक से आगे निकले। बताया गया है कि तारूड में भी पानी सड़क पर उतर आया है। तारलागुड़ा बस्ती डूब गई है। बालक और बालिका पोटा केबिन के बच्चों ने थाने में शरण ली है। यहां प्राइमरी, मिडिल एवं हाईस्कूल हैं।
बताया गया है कि कोंडामासूम, कांदला और रामपेटा गांवों के लोग कल शाम पानी चढ़ता देख पहाड़ी की ओर चले गए है। विधायक व प्रशासन की टीम यहां से पीड़ित गांव नरोनहापल्ली जाएंगे। शुक्रवार को विधायक विक्रम मंडावी और कलेक्टर राजेंद्र कटारा के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियाम, सीईओ रवि साहू, एसडीएम डा हेमेंद्र भूआर्य, जिला कांग्रेस अध्यक्ष लालू राठौर, जिला पंचायत सदस्य कमलेश कारम, सदस्य सरिता चापा रामपुरम भी पहुंचे।
शहरी क्षेत्रों के घरों में भरा पानी
बीजापुर जिले में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त है और नदी नाले उफान पर है। वहीं शहरी इलाकों की समस्याएं भी कम नहीं। बीजापुर नगरपालिका में आपदाओं से निपटने के लिए कोई ठोस उपाय या संसाधन उपलब्ध नहीं है। बारिश से शहर की नालियां जाम होने से लोगों के घरों में पानी भर रहा है तो कहीं शिक्षा के मंदिर स्कूल भी इससे अछूता नहीं है।
जनपद स्कूल परिसर में रात को विशालकाय वृक्ष गिरा, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ने देखा तक नहीं, लेकिन इस वृक्ष के बगल में एक ऐसा पेड़ भी रहा जो पानी टंकी के साथ लगा हुआ था, निजी मकान मालिक के घर पर गिरने की संभावना थी। मकान मालिक पेड़ गिरने के डर से बीजापुर के प्रशासनिक अधिकारियों सहित नगर पालिका से मदद मांगी, लेकिन सभी से एक ही जवाब आता रहा कि पेड़ गिराने की सुविधाएं नहीं हैं।
आनन फानन में मकान मालिक द्वारा प्राईवेट वाहनों की व्यवस्था कर अपने मकान को नुकसान होने से बचाया। इस काम को करने के लिए दो दिन का समय लगा। इस काम को अंजाम देने के लिए नगर के सैनिकों ने हिम्मत न हार कर बहादुरी से काम किया। जो भी नुकसान पहूचाने वाले पेड़ थे उसे गिराने में मदद की। इस पूरे कार्य को सफलतापूर्वक कराने में शिक्षा विभाग से बीईओ, वन विभाग से परिक्षेत्र अधिकारी दीनानाथ सहित अन्य विभागीय कर्मचारियों का सहयोग रहा।