एजेंसी/ नई दिल्ली : अच्छे दिन का नारा भले ही बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में दिया हो, लेकिन कांग्रेस के मंत्री अपने द्वारा जनता को दिए अच्छे दिनों का बखान कर रहे है। यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके शशि थरुर ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर निराशा जताई है।
शशि थरुर ने कहा कि कांग्रेस के अच्छे दिन तो नहीं आए, लेकिन जब तक ओवर की आखिरी बॉल नहीं डल जाती तब तक मैच को खत्म भी नहीं माना जा सकता है। आगे थरुर ने कहा कि हमने असम में 15 वर्षो से अच्छी सरकार दी है। हमने हर राज्यों में देखा है कि जनता उन सरकारों को जल्दी बदल देती है, जो वहां लंबे समय से टिके रहते है।
शीला दीक्षित का उदाहरण देते हुए थरुर ने कहा कि दिल्ली में बतौर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कितनी अच्छी सरकार तलाई, लेकिन जनता ने उन्हें चौथी बार में नकार दिया। थरुर ने कहा कि पूरे देश में अगर कोई बीजेपी का विकल्प है, तो वो कांग्रेस है।
केरल में हुई लेफ्ट की जीत पर थरुर ने कहा कि वहां पिछले 40 सालों से कोई दूसरी सरकार चुनकर नहीं आई है। पता नहीं वहां मतदाता इतने डिमाडिंग हैं। वहां कांग्रेस सरकार ने राज्य का काफी विकास किया था। इसलिए मुझे लग रहा था कि हम दोबारा चुनकर आएंगे, लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हो सका।
जहां तक पश्चिम बंगाल की बात है तो वहां हमें पहले ही पता था कि हम सरकार बना पाएंगे। अब हम मतदाता से चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा नहीं कह सकते कि बंगाल में हमारी हार तय है। बंगाल के परिणामों से मुझे आश्चर्य हुआ है।
वामपंथी को वहां 35 साल मिले थे और ममता सरकार को 5 साल, इशलिए वहां सब मान रहे थे कि ममता को दोबारा मौका मिलना चाहिए। तमिलनाडु पर बात करते हुए थरुर ने कहा कि वहां तो सभी दल हाशिए पर है। लेकिन फिर भी हमें उम्मीद थी कि हम डीएमके गठबंधन के तहत सरकार बनाएंगे।