राजस्थान का सियासी दंगल अब सर्वोच्च अदालत तक पहुंच सकता है. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा सचिन पायलट गुट के विधायकों को नोटिस दिया गया है.
इसी नोटिस के खिलाफ अब सचिन पायलट सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे, इसके लिए आज ही याचिका दाखिल की जा सकती है.
दरअसल, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल ना होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों को नोटिस दिया है.
इस नोटिस का जवाब 17 तारीख तक देना है, जिसमें बताना है कि बैठक में ना आने पर उनकी सदस्यता क्यों ना रद्द कर दी जाए.
बता दें कि पिछले दो दिनों से नोटिस को लेकर सचिन पायलट अपने वकीलों के साथ चर्चा कर रहे थे. सचिन पायलट चाहते हैं कि कानूनी प्रावधानों का सहारा लेकर विधायकों को एक गुट के रूप में मान्यता दिलवाई जाए.
स्पीकर के नोटिस को चुनौती देने का एक आधार ये भी होगा कि विधायकों को नोटिस का जवाब देने को दो ही दिन का समय दिया गया है जो बेहद कम है.
जबकि विधान के मुताबिक विधायकों को अपनी सफाई और स्पष्टीकरण देने के लिए समुचित मोहलत देने का प्रावधान है.
सचिन पायलट गुट की ओर से इस नोटिस को अधिकारों का अतिक्रमण और मनमानी बताया जा रहा है. इसी मसले को अब सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा. विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कुल 22 विधायकों को नोटिस दिया गया था.
साफ है कि सचिन पायलट अब इस लड़ाई को लेकर आरपार के मूड में दिख रहे हैं. बुधवार को जिस तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर तीखा वार किया और होर्स ट्रेडिंग में शामिल होने का आरोप लगाया, इसके बाद से ये लड़ाई और भी तीखी हो गई.
कांग्रेस की ओर से लगातार दो दिन जयपुर में विधायक दल की बैठक की गई, खुले तौर पर इसमें सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों को बुलाया गया था.
लेकिन कोई भी विधायक यहां नहीं पहुंचा. ऐसे में पार्टी ने इसे उल्लंघन माना और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद-प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया.
अभी सचिन पायलट की ओर से आगे का रुख साफ नहीं किया गया है, हालांकि उन्होंने भाजपा के साथ जाने से इनकार किया है.