विडियो: हवा में उड़ता दिखाई दिया जवान परेड़ के दौरान, दुनिया को चौंकाया राष्ट्रपति के ट्वीट ने

‘हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं…’ एक फिल्मी गानें की ये लाइनें न केवल सेना के हौंसले बल्कि उसकी शौर्य गाथा को बयां करती है। भारत ही नहीं हर देश के लिए उसकी सरहदों की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। आधुनिक युग में सुरक्षा के लिए जिस तरह से खतरा बढ़ रहा है, उसी तरह तमाम देशों की सेनाएं और युद्ध विशेषज्ञ भी इससे निपटने के नए-नए तरीके इजाद करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।

ऐसे में फ्रेंच राष्ट्रपति इमेन्युअल मैक्रों के एक ट्वीट ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। उन्होंने 14 जुलाई को पेरिस में आयोजित बैस्टिल डे समारोह का एक वीडियो ट्वीट किया है। इस आविष्कारक समारोह में एक जवान जेट-पावर्ड फ्लाइबोर्ड पर सवार होकर समारोह स्थल पर उड़ता हुआ नजर आ रहा है। जवान के हाथों में ऑटोमैटिक गन है और वह फ्लाइबोर्ड पर संतुलन बनाए हुए पूरी तरह से मुस्तैद दिख रहा है।

फ्रेंच राष्ट्रपति ने ट्वीट किया वीडियो

पैर में एक छोटी सी जेट मशीन लगाकर ऑटोमैटिक गन के साथ हवा में उड़ रहे इस सैनिक को देखकर वहां मौजूद हर कोई दंग रह गया। यहां तक कि समारोह में मौजूद फ्रांस के राष्ट्रपति इमेन्युअल मैक्रो के लिए भी ये अद्भुत नजारा था। लिहाजा उन्होंने तुरंत परेड के दौरान हवा में उड़ते सैनिक का एक वीडियो ट्वीट कर दिया। उनके इस ट्वीट को अब तक 7.9 मिलियन (लगभग 80 लाख) लोग देख चुके हैं। तकरीबन 75 हजार लोगों ने उनके इस ट्वीट को लाइक किया है और 25 हजार से ज्यादा लोगों ने उनके ट्वीट को रीट्वीट किया है।

फ्रेंच राष्ट्रपति ने की सेना की तारीफ

फ्रेंच राष्ट्रपति इमेन्युअल मैक्रों द्वारा ट्वीट करने के बाद थोड़ी ही देर में 1:02 मिनट का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसे कई देश के लोग देख चुके हैं और तमाम अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हवा में उड़ने वाले सैनिक की ये वीडियो दिखाया जा चुका है। अपने इस ट्वीट के साथ राष्ट्रपति इमेन्युअल ने लिखा, उन्हें अपनी सेना, उसके आधुनीकिकरण और उन्नत तकनीक पर गर्व है।

पहली बार इस तकनीक का हुआ सैन्य इस्तेमाल

मालूम हो कि तमाम देश के रक्षा अनुसंधान संस्थान और सेनाओं द्वारा इस तरह की खोजें की जा रही हैं। ऐसे में फ्रेंच सेना द्वारा पहली बार इस तकनीक का अपनी आधिकारिक परेड में पूरी दुनिया के सामने इस्तेमाल करना, उनकी एक बड़ी उपलब्धी माना जा रहा है। इस जेट फ्लाईबोर्ड के साथ अत्याधुनिक हथियारों से लैस सैनिक 150 मीटर की ऊंचाई पर 10 मिनट से ज्यादा देर तक उड़ान भर सकता है। इसकी रफ्तार 190 किमी प्रतिघंटा तक हो सकती है।

ये है इस तकनीक की खासियत

इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए न तो किसी तरह के लांचिंग पैड की जरूरत है और न ही किसी रनवे आदि की। इस टेक्नोलॉजी को आसानी से कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये मशीन इतनी हल्की है कि सैनिक आराम से इसे अपने कंधों पर लेकर कहीं भी आ जा सकते हैं। इस वजह से यह तकनीक सैनिकों के लिए और मददगार साबित हो सकती है। फ्रेंच सेना ने इस तकनीक को आधिकारिक तौर पर अपनाया है या नहीं, ये अभी स्पष्ट नहीं है। माना जा रहा है कि जल्द ही फ्रेंच सेना इस तकनीक को अपना सकती है। फ्रांस इस तकनीक को और समृद्ध करने की दिशा में काम कर रहा है।

एक साल से चल रही थी कवायद

पहले फ्लाइबोर्ड का आविष्कार करने वाले फ्रांसीसी खोजकर्ता फ्रैंक ज़ैपाटा को एयरोनॉटिकल माइक्रो-जेट इंजन के विकास के लिए पिछले साल फ्रांसीसी सेना ने 14 लाख 70 हजार डॉलर का अनुदान दिया था। मतलब फ्रांस करीब एक वर्ष से इस तकनीक को विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। सशस्त्र बल के मंत्री फ्लोरेंस पैरी के हवाले से आरटी ने बताया कि ज़ैपाटा की इस खोज को “विभिन्न प्रकार के उपयोगों के लिए टेस्ट की इजाजत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि फ्लाइंग लॉजिस्टिक प्लेटफॉर्म या, हमले के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है।

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