भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या और वित्त मंत्री अरुण जेटली की मुलाकात के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विजय माल्या के मामले पर शुक्रवार को सरकार पर फिर निशाने पर लिया और कहा कि यह समझ नहीं आ रहा कि इतने गंभीर और बड़े मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजाजत के बिना सीबीआइ ने लुकआउट नोटिस बदला होगा।
दरअसल, जब से विजय माल्या ने यह कहा है कि वह देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे, तब से इस मुद्दे पर सियासत फिर गरमा गई है। शुक्रवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘सीबीआइ ने बड़ी खामोशी से डिटेन नोटिस को इन्फॉर्म नोटिस में बदल दिया, जिससे विजय माल्या देश से बाहर भाग सका। सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। ऐसे में यह समझ नहीं आ रहा कि इतने बड़े और विवादित मामले में सीबीआइ ने प्रधानमंत्री की अनुमति के बगैर लुकआउट नोटिस बदला होगा।’
कांग्रेस और भाजपा के आरोप-प्रत्यारोप के बीच सीबीआइ ने लुकआउट नोटिस में बदलाव पर गलती मानी है। माल्या के नोटिस को हिरासत से बदलकर सिर्फ सूचना देने में बदला गया था। सीबीआइ ने गुरुवार को कहा कि विजय माल्या के खिलाफ 2015 के लुकआउट सर्कुलर में बदलाव करना ‘एरर ऑफ जजमेंट’ था।
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