दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने ईडी की अर्जी पर फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट ( फेरा) कानून के उल्लंघन के आरोपी विजय माल्या की बेंगलुरु स्थित संपत्ति जब्त करने का आदेश दे दिए है. इससे पहले बेंगलुरु पुलिस विजय माल्या की 159 संपत्तियों को चिन्हित कर चुकी थी. लेकिन कोर्ट के आदेश ना होने की वजह से माल्या की इन संपत्तियों को जब्त करना पुलिस के लिए आसान नहीं था.
हालांकि, अब पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश के बाद ईडी के लिए इन संपत्तियों को जब्त करना और आसान हो जाएगा. बेंगलुरु पुलिस ने अप्रैल में ईडी के माध्यम से ही पटियाला हाउस कोर्ट में विजय माला की संपत्तियों को जब्त करने के लिए अर्जी दी थी.
ईडी का कहना है कि विजय माल्या ने 1996, 1997 और 1998 में लंदन और यूरोपीय देशों में आयोजित की गई फॉर्मूला वन चैंपियनशिप में किंगफिशर का लोगो (logo) दिखाने के लिए एक ब्रिटिश फर्म को दो लाख अमेरिकी डॉलर दिए थे. ईडी के मुताबिक माल्या ने ये रकम रिजर्व बैंक की बिना इजाजत के दिए थे जो सीधे तौर पर फेरा के नियमों के उल्लंघन के तहत आता है.
इस मामले में 4 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट पहले ही विजय माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुका है. ईडी के समन के बाद पेश नहीं होने पर ईडी ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दायर की थी. पिछले साल 12 अप्रैल को उसको कोर्ट में पेश होने के पटियाला हाउस कोर्ट में आदेश दिए थे.
लेकिन माल्या के कोर्ट में पेश ना होने पर 4 जनवरी को कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. उस वक्त ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट से कहा था कि माल्या की उपस्थिति के लिए उसने अब तक कोई कसर नहीं छोड़ी है. विजय माल्या के सभी दफ्तर और आवास पर नोटिस भेजा गया, यहां तक कि अखबारों में भी विज्ञापन दिया था. लेकिन उसके बावजूद भी वह पेश नहीं हुआ.