कानपुर चौबेपुर के बिकरू गांव में बृहस्पतिवार देर रात हुई मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मियों के शहीद होने के बाद पुलिस ने विकास दुबे का किलेनुमा मकान जमींदोज कर दिया।
जिस जेसीबी को रास्ते में खड़ा कर पुलिस वालों को जाल में फंसाया गया था, उसी जेसीबी से शनिवार को करीब 10 घंटे की कार्रवाई के बाद मकान का कोना-कोना ढहा दिया गया।
पुलिस की टीमों ने शनिवार को जब विकास के किलेनुमा घर का कोना-कोना छाना तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
उसने नए मकान से सटे पुराने मकान को बिल्कुल बंकर की तरह बना रखा था। आठ-दस फीट की गहराई में कमरे थे। एक कमरे से दूसरे कमरे जुड़े थे। यहां पर खाने पीने की चीजें भी भरी पड़ी थीं। अब पुलिस ने इसे भी ढहा दिया है।
पुलिस के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद विकास और उसके साथी इसी बंकरनुमा पुराने घर को अपना ठिकाना बनाते थे।
यह पुराना घर बाउंड्री के अंदर घुसते ही बाएं तरफ है। इस पुराने घर में नौकर के परिवार के रहने के अलावा कबाड़ भरा हुआ है। इससे किसी को शक भी नहीं होता था।
मकान की गहराई इतनी थी कि उसकी खिड़की सड़क के बराबर थी। भीतर से बाहर होने वाली गतिविधियों को आसानी से देखा जा सकता था, हालांकि बाहर वालों को शक नहीं होता था।
इसके अलावा उसने नए घर में एक कंट्रोल रूम भी बना रखा था। सीसीटीवी कैमरे यहीं से कनेक्ट थे। एलसीडी पर वह मकान व उसके चारों ओर की गतिविधियां देखता था।
पुलिस के अनुसार सूचना मिली थी कि विकास ने अपने घर में भारी मात्रा में असलहे छिपा रखे हैं पिस्टल जैसे हथियार दीवारों में चुनवाकर छुपाने की जानकारी मिली थी। पुलिस का कहना है इन हथियारों की बरामदगी के लिए ही घर ढाया गया है।
विकास की कोठी में आने-जाने के तीन बड़े और दो गुप्त रास्ते थे। घर के चारों ओर 12 फीट ऊंची दीवार पर तारो की बैरिकेडिंग थी।
अनुमान लगाया जा रहा कि दबिश देने गई पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में जरूर कैद हुई होगी।
बड़े-बड़े पुलिस अधिकारी उसकी कोठी घटनास्थल पर पहुंचे लेकिन किसी ने डीवीआर का संज्ञान नहीं लिया। किसी ने डीवीआर मिलने की पुष्टि भी नहीं की। डीवीआर मिल जाए तो अहम जानकारी हाथ आ सकती है।