ज्यादातर लोग ऑफिस अथवा बाजार से लौटकर, बिना जूते-चप्पल उतारे ही घर के भीतर प्रवेश कर जाते हैं या उन्हें पहनकर पूरे घर में घूमते रहते हैं। जूते-चप्पल पहनकर घर में घूमना वैज्ञानिक दृष्टि से तो गलत है ही, धार्मिक दृष्टि से भी अशुभ होता है। 
हिंदू धर्म में घर के भीतर जूते पहनकर आना गलत माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक, हर घर में एक मंदिर स्थापित होता है, जिसमें दैवीय शक्तियों का वास होता है। घर में जूते पहनकर आने से यह स्थान अपवित्र हो जाता है। रसोई प्रत्येक घर का मुख्य स्थान होता है, जिसमें अन्न, जल, अग्नि तीनों होते हैं। हिंदू धर्म में इन्हें देवता माना गया है। रसोई में जूते या चप्पल पहनकर घूमने से ये देवता नाराज हो सकते हैं। इससे अन्न की देवी अन्नपूर्णा भी नाराज होती हैं और अन्न के भंडार में कमी आती है।
घर में धन रखने के लिए हम तिजोरी या सेफ का प्रयोग करते हैं। जिस कमरे में ये हुई हैं, हम वहां भी जूते पहनकर चले जाते हैं। धन रखने के स्थान पर जूते-चप्पल पहनकर जाने से धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और धन आगमन बाधित हो जाता है। यदि घर में जूते-चप्पल पहनना जरूरी है, तो लकड़ी की खड़ाऊं रखें। इन्हें घर के भीतर ही प्रयोग करें, घर से बाहर न ले जाएं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस घर में गंदगी रहती है, वहां धन हानि और कर्ज आदि की समस्या बनी रहती है। जब भी हम कहीं बाहर जाते हैं, तो हमारे जूते-चप्पलों में गंदगी लग जाती है, जिसे लेकर हम घर तक आ जाते हैं। यदि बाहर पहनने वाली चप्पलों को घर के भीतर पहना जाता है, तो बाहर की नकारात्मक ऊर्जा हमारे पैरों के जरिए घर में प्रवेश कर जाती है।
घर में इधर-उधर फैले जूते-चप्पल भी दरिद्रता लाते हैं। इन्हें व्यवस्थित ढंग से, पश्चिम दिशा की ओर ही रखना सही होता है। जो जूते-चप्पल उपयोग के न हों, उन्हें घर में न रखें या किसी गरीब को दे दें । पुराने जूते-चप्पल रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। ऐसा करने से शनि देव का प्रकोप भी कम होता है। जिस घर में पुराने जूते-चप्पल जमा रहते हैं, वहां शनि की अशुभता का प्रभाव रहता है। शनि को पैरों का कारक माना गया है, इसलिए पैरों से संबद्ध किसी भी वस्तु को साफ-सुथरा और यथाक्रम रखना चाहिए। किसी से जूते उपहार में नहीं लेने चाहिए अन्यथा उसका अभाग्य आपके भाग्य को कमजोर कर सकता है।
शोध कहता है…
खुद को आधुनिक दिखाने के चक्कर में हम घर से बाहर पहनकर जाने वाले जूते-चप्पलों को पहनकर घर के अंदर भी आ जाते हैं। ऐसा करना स्वच्छता और साफ-सफाई की दृष्टि से सही नहीं है। इससे बाहरी गंदगी के साथ-साथ घर के भीतर कई तरह के बैक्टीरिया भी प्रवेश कर जाते हैं। ये बैक्टीरिया कई बीमारियों का कारण होते हैं। एरिजोना यूनिवर्सिटी द्वारा कराए गए एक शोध में पाया गया है कि घर से बाहर इस्तेमाल किए जाने वाले जूतों में 40 हजार से ज्यादा खतरनाक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं।
इस शोध में पाया गया कि इनमें 96 फीसदी कैलीफार्म नाम के बैक्टीरिया होते हैं। यह बैक्टीरिया इंसान के खून और जानवरों के मल में पाया जाता है। इसके अलावा छह अन्य हानिकारक बैक्टीरिया जैसे ई-कोली, क्लेबसिएला, निमोनिया, सेराटिया, फिकारिया भी होते हैं। जब बाहरी जूतों को पहनकर हम घर के भीतर प्रवेश करते हैं, तो यह खतरनाक बैक्टीरिया घर के वातावरण में प्रवेश कर हमारे भोजन, पानी, बिस्तर में चिपक जाते हैं। इनसे सांस संबंधी समस्या, यूरिनल इन्फेक्शन, लीवर संबंधी परेशानी, त्वचा संबंधी रोग आदि होने का खतरा बढ़ जाता है। यूएस की एनवायरनमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक शोध में कहा गया है कि बाहरी जूतों में खतरनाक टॉक्सिन्स पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं। इससे मूड उदास होना, पेट संबंधी समस्या का बढ़ जाना, और आंख में जलन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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