भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी है। मई में वालमार्ट ने घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी खरीदने का एलान किया था। सीसीआइ ने कहा है कि इस सौदे का घरेलू बाजार पर किसी तरह का विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। हालांकि सौदे का विरोध कर रहे रिटेल कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
संगठन इस पर आंदोलन की तैयारी में जुट गया है। स्वदेशी जागरण मंच ने भी सीसीआइ के निर्णय को संवेदनहीन तरीके से लिया गया फैसला बताया है। वालमार्ट ने फैसले का स्वागत किया है। सीसीआइ ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह निर्णय वालमार्ट की तरफ से उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर लिया गया है। भविष्य में जब कभी भी यह सूचना गलत या भ्रामक साबित होगी, सीसीआइ की यह स्वीकृति समाप्त कर दी जाएगी।
आयोग ने कहा है कि उसने बाजार के प्रत्येक पहलू पर विचार करने के बाद ही यह स्वीकृति प्रदान की है। सीसीआइ ने मंजूरी देते वक्त ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से दी जाने वाली भारी भरकम छूट को लेकर जताई जा रही चिंताओं को भी ध्यान में रखा है। आयोग ने इस विषय में वालमार्ट से विस्तार में जानकारी मांगी थी।