व्यासजी के तहखाना मामले में हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों के बीच सोमवार को बहस पूरी हुई। व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ की अनुमति मिलेगी या नहीं, इस पर बुधवार को आदेश आ सकता है। बहस के दौरान मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं की ओर से पूजा-पाठ की अनुमति को लेकर विरोध किया गया।
ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाना में पूजा पाठ किये जाने संबंधी आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली गई। अदालत इस मुद्दे पर आदेश बुधवार को करेगी।
इस मामले में वादी शैलेन्द्र पाठक के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी व दीपक सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि उनकी तरफ से दिए गए आवेदन के एक पार्ट को अदालत ने स्वीकार कर लिया। जिसमें व्यास जी के तहखाने को डीएम कि सुपुर्दगी में दिए जाने का अनुरोध किया गया था।
दूसरा अनुरोध किया गया था कि जो बैरिकेडिंग नंदी जी के सामने की गई है उसे खोल दिया जाए और व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ के लिए आने जाने दिया जाए। इस पर आदेश किए जाने का अनुरोध किया गया।
इस पर अंजुमन इंतजामिया की तरफ से मुमताज अहमद, एखलाक अहमद ने आपत्ति जताया। कहा कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद का पार्ट है। पूजा पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश के लिए बुधवार की तिथि नियत कर दी।