कोरोना संक्रमण का बढ़ता आंकड़ा भले ही लोगों को डरा रहा है, मगर जिले में अभी तक हुए 80 हजार से अधिक जांच में केवल 7.87 फीसद मरीज ही पॉजिटिव मिले हैं। रोजाना होने वाली सैंपङ्क्षलग की तुलना में यह दर बेहद कम है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 90 हजार से अधिक लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 80654 की रिपोर्ट आ चुकी हैं। 6355 पॉजिटिव रहे, जबकि 74299 निगेटिव। चिकित्सकों के मुताबिक कोरोना से घबराने की बजाय यदि सावधानी बरती जाए और नियमों का पालन करें तो काफी हद तक संक्रमण से बचा जा सकता है।
76.22 फीसद मरीज हुए स्वस्थ
संक्रमण की जद में आकर भी कोरोना को मात देने वालों का आंकड़ा जिले में कम नहीं है। अब तक 76.22 फीसद मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों को जा चुके हैं। इनमें जहां बिना लक्षण वाले यानी ए-सिम्प्टोमैटिक मरीज शामिल हैं तो वहीं को-मॉर्बिटिक यानी लेवल-थ्री वाले भी हैं। डाक्टरों के मुताबिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली ही इसका सबसे कारगर इलाज है। यदि मरीज की रोग प्रतिरोधकता अच्छी है तो वायरस से डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं।
गंभीर बीमारियां बन रही मौत की वजह
कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा जिले में 1.87 फीसद है, जो लखनऊ के मुकाबले .67 फीसद अधिक है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि मरीजों की मौतों का जिम्मेदार अकेले कोरोना ही नहीं है। दूसरी गंभीर बीमारियां भी मौत की वजह बन रही हैं। अधिकतर मरीजों में पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन व बीपी की शिकायत मिल रही थी। वहीं सीओपीडी यानी क्रोनिक अब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज भी इसमें बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। कोरोना वायरस श्वसन तंत्र पर सीधा हमला करता है। एक्यूट निमोनिया के साथ कई बार मल्टीपल आर्गन फेल्योर भी होता है। ऑक्सीजन लेवल घट जाता है और मरीज रिकवर नहीं हो पाते हैं।
मृत्यु दर कम करने का प्लान
बनारस में मृत्यु दर को कम करने के लिए लखनऊ से पिछले दिनों एक टीम आई थी। टीम ने रणनीति भी बनाई है। वहीं गंभीर मरीजों के लिए लेवल-2 और लेवल-3 अस्पताल में हाइटेक मशीनों की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही गंभीर मरीजों को चिह्नित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर सर्वे कर रही है। इसमें चार श्रेणी में मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है। उन मरीजों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो पिछले लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, ताकि समय से पहले उनका इलाज हो सके और कोरोना पॉजिटिव होने की दशा में उनकी जान बचाई जा सके।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे जरूरी है एहतियात। शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए मास्क का प्रयोग करें। हाथों को बराबर सैनिटाइज करते रहें। इससे संक्रमण की आशंका ना के बराबर रह जाएगी। बीमारी से डरने की नहीं बल्कि लडऩे की जरूरत है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व श्वसन तंत्र ठीक रखने के लिए योग-व्यायाम करने के साथ ही आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन करते रहें।
– डा. प्रसन्न कुमार, एसआइसी-मंडलीय अस्पताल वाराणसी।
प्रदेश के सात जिलों की स्थिति
शहर कुल केस, सक्रिय, स्वस्थ, मृत्यु, स्वस्थ दर
लखनऊ- 20368 7210 12912 246 63.39
आगरा- 4619 2445 2069 105 44.79
कानपुर- 11966 3482 8134 350 67.97
गाजियाबाद- 6451 1026 5358 67 83.05
नोएडा- 6776 794 5939 43 87.64
मेरठ- 3139 549 2479 111 78.97
वाराणसी- 6355 1385 4703 117 76.22