वन विहार नेशनल पार्क : अगर आप भी है एनिमल लवर तो ज़रूर जाये

मध्यप्रदेश शहर के बीचों-बीच बना वन विहार नेशनल पार्क झील के किनारे पहाड़ी पर स्थित है। 4.43 स्क्वेयर किमी में फैले इस पार्क को नेशनल पार्क का दर्जा साल 1983 में मिला था। इस नेशनल पार्क आकर पूरे शहर की खूबसूरती को निहारना अलग ही होता है। जंगली जानवरों सुरक्षा के लिहाज से पिंजरे में रखा जाता है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भी एन्जॉयमेंट में कोई कमी देखने को नहीं मिलेगी। झील की वजह से यहां हर साल सर्दियों के मौसम में माइग्रेटरी पक्षियों को भी देखने को मौका मिलता है। सिर्फ जानवरों को देखने के लिए ही नहीं मध्यप्रदेश का ये पार्क पिकनिक स्पॉट के लिए भी मशहूर है जहां आप फैमिली के साथ आकर पूरा दिन एन्जॉय कर सकते हैं।

 

विहार नेशनल पार्क की खासियत

जानवरों से लेकर पेड़-पौधे की दोनों को आप यहां आकर देख सकते हैं। यहां आप ट्रैकिंग के मजे भी ले सकते हैं। तो और क्या खास है इस पार्क में जानेंगे यहां।


पेड़-पौधे
वन विहार नेशनल पार्क चारों ओर से घने जंगलों से घिरा हुआ है। यहां के जंगलों में अमलतास, बबूल, रेंऊझा, दूधी, लेंडिया, साजा, आंवला, टेंडू जैसी कई सारी वनस्पतियां मौजूद हैं। नेशनल पार्क के एक बड़े क्षेत्र में खेती का काम भी होता है। जानवरों को खाने के लिए अलग-अलग वैराइटी की घासें भी इस पार्क में हैं। ये घास के मैदान साल भर हरे-भरे रहते हैं।
जीव-जंतु
वन विहार नेशनल पार्क में मासांहारी जानवरों में बाघ, सफेद बाघ, तेंदुआ, लकड़बग्घा और भालू शामिल हैं वहीं शाकाहारी जानवरों में लंगूर, साही, खरगोश, काले हिरण, सांभर, चीतल और नील बैल देखने को मिलेंगे। व्हाइट टाइगर और सुस्त भालू वन विहार के खास आकर्षण हैं।
इनके अलावा यहां पक्षियों को देखना भी एक अलग ही एक्सपीरियंस होता है। बैंगनी बगुला, स्पॉट बिल, स्पुन बिल, चित्रित सारस, पिनटेल, खुले चोंच वाला सारस जैसे माइग्रेटरी बर्ड्स को भी यहां आसानी से देखा जा सकता है। और तो और ये पार्क घड़ियाल, मगरमच्छ, कछुए, पाइथन जैसे प्रजातियों का भी घर है।

कब आएं
वन विहार नेशनल पार्क पूरे सालभर सैलानियों के लिए खुला रहता है। तो आप कभी भी यहां आने का प्लान कर सकते हैं।

कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग- भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट यहां का नज़दीकी एयरपोर्ट है जो लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से वन विहार नेशनल पार्क की दूरी महज 16 किमी है। एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर आप आराम से यहां तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग- हबीबगंज और भोपाल जंक्शन शहर के दो बड़े रेलवे स्टेशन हैं। जहां से रेलवे स्टेशन की दूरी 8 किमी है।
सड़क मार्ग- इंदौर, उज्जैन, पंचमढ़ी, खजुराहो, जबलपुर, ग्वालियर, सांची, नागपुर और जयपुर सभी बड़े शहरों से यहां के लिए रोजाना राज्य परिवहन निगम की बसें अवेबेल हैं। NH12 जबलपुर और जयपुर को भोपाल से जोड़ता है।

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