जागरण न्यू मीडिया के एडिटर-इन-चीफ राजेश उपाध्याय ने कहा कि जैसे स्वस्थ तन की जरूरत हर इंसान को होती है वैसे ही स्वस्थ मन भी जरूरी है। फर्जी सूचनाओं के कारण न समाज पर बल्कि खुद पर भी गलत प्रभाव पड़ता है। इसलिए फर्जी सूचनाओं से खुद को बचाने की आवश्यकता है। किसी भी मैसेज का सच पता लगाने के बाद ही उसे आगे फॉरवर्ड करना चाहिए।
देश की अग्रणी फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज 21 मार्च 2024 को अपने अभियान ‘सच के साथी सीनियर्स’ को लेकर वडोदरा पहुंची। इस अभियान के तहत यहां की श्री जीवन संस्था में वरिष्ठ नागरिकों को फैक्ट चेकिंग की दुनिया से रूबरू कराया गया। वडोदरा से पहले इसी महीने गांधीनगर और अहमदाबाद में भी ऐसा आयोजन किया जा चुका है।
फैक्ट चेकिंग कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए जागरण न्यू मीडिया के एडिटर-इन-चीफ एवं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजेश उपाध्याय ने कहा कि जैसे स्वस्थ तन की जरूरत हर इंसान को होती है, वैसे ही स्वस्थ मन भी जरूरी है। फर्जी सूचनाओं के कारण न समाज पर, बल्कि खुद पर भी गलत प्रभाव पड़ता है। इसलिए फर्जी सूचनाओं से खुद को बचाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में उन्होंने ‘सच के साथी-सीनियर्स’ अभियान और विश्वास न्यूज के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही डिजिटल सेफ्टी के तरीके, डीप फेक से बचाव के उपाय, फैक्ट चेकिंग की बुनियादी जानकारी और वोटर जागरूकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राजेश उपाध्याय ने कार्यक्रम में शिरकत कर रहे लोगों को बताया कि किसी भी मैसेज का सच पता लगाने के बाद ही उसे आगे फॉरवर्ड करना चाहिए। हर मैसेज पर आंख बंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।
कार्यक्रम में फेक सूचनाओं की पहचान के बुनियादी तौर-तरीकों और ऑनलाइन टूल्स के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके अलावा डीपफेक वीडियो और तस्वीरों को पहचानने के तरीके भी बताए गए। कार्यक्रम में एक गेम के जरिए मौजूद प्रतिभागियों को सच और झूठ का अंतर समझाया। आयोजन के दौरान गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया और डिप्टी एडिटर राजेंद्र सिंह परमार भी मौजूद रहे।
अलग अलग राज्यों में हो चुका है यह आयोजन
गुजरात के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और बिहार के अलग-अलग शहरों में भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है। गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) के सहयोग से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।
अभियान के बारे में
‘सच के साथी सीनियर्स’ भारत में तेजी से बढ़ रही फेक और भ्रामक सूचनाओं के मुद्दे को उठाने वाला मीडिया साक्षरता अभियान है। कार्यक्रम का उद्देश्य 15 राज्यों के 50 शहरों में सेमिनार और वेबिनार की श्रृंखला के माध्यम से स्रोतों का विश्लेषण करने, विश्वसनीय और अविश्वसनीय जानकारी के बीच अंतर करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को तार्किक निर्णय लेने में मदद करना है। इसमें रजिस्ट्रेशन करने के लिए www.vishvasnews.com/sach-ke-sathi-seniors/ पर क्लिक करें।