एजेंसी/ संयुक्त राष्ट्र : भारत की राह में हमेशा रोड़ा अटकाने वाले पाकिस्तान ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र के तहत सुरक्षा परिषद् का विस्तार किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए है। इस विस्तार का विरोध करते हुए संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्तायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा कि स्थायी सदस्यों को जोड़ने से दुनिया की इस शीर्ष संस्था की कार्यकुशलता कैसे बढ़ सकती है।
क्योंकि ऐसे में तो यह दूसरे देशों के समान अवसर के अधिकारों को हड़प लेगी। 1 जून को अंतर सरकारी वार्ता को संबोधित करते हुए लोधी ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा से परिषद् के ऐसे विस्तार का समर्थन किया है, जिससे सभी सदस्य देशों के हितों की रक्षा हो। आगे लोधी ने कहा कि परिषद् के ऐसे अनुचित विस्तार से न्याय, निष्पक्ष व्यवहार, पारदर्शिता और जवाबदेही को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है।
जी-4 के सदस्य ब्राजील, जर्मनी और जापान के साथ भारत ने भी इस बात पर जोर दिया है कि परिषद में प्रभाव के असंतुलन की समस्या को ठीक नहीं किया जा सकता, सिर्फ गैर-स्थायी सदस्यों को सुधार प्रक्रिया के तहत सुरक्षा परिषद में जोड़ा जाए। ऐसे में दोनो श्रेणियों में विस्तार जरूरी है ताकि मौजूदा वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाला संतुलन हासिल किया जा सके।
यूएनओ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि दोनों श्रेणियों में खासकर स्थायी श्रेणी में विस्तार जरुरी है, ताकि सुरक्षा परिषद में सुधार लाया जा सके।
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