बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं। वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना नितांत आवश्यक है।’ मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि अपनी ओर से पूरी सावधानी बरतें। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव का सबसे अच्छा उपाय सामाजिक दूरी है। बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग जरूर करें।’
भगवान भास्कर की आराधना का चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ बुधवार को शुरू हो गया। लोक आस्था के महापर्व छठ के प्रथम दिन आज प्रात: व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ राजधानी पटना के समीप से गुजर रही गंगा नदी के विभिन्न घाटों सहित प्रदेश की अन्य नदियों के घाटों व तालाबों किनारे पहुंचे तथा स्नान एवं सूर्य उपासना के साथ नहाय-खाय की रस्म पूरी की।
नहाय-खाय के दौरान व्रती अरवा चावल का भात, चने की दाल, कद्दू की सब्जी तथा धनिया के पत्ते की चटनी का भोग लगाते हैं। सूर्य उपासना के इस पावन पर्व पर नहाय-खाय के अगले दिन यानि गुरुवार व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास रखकर खरना किया जाएगा। खरना में दूध, अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया जाता है।
खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपावास शुरू हो जाएगा जो कि 20 नवंबर की शाम अस्ताचलगामी सूर्य और 21 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा। वर्तमान कोविड संक्रमण के दौरान छठ व्रत के सफल एवं सुचारु आयोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर लोगों को आवश्यक सलाह दी है तथा इस आशय का व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सलाह में सभी व्रतियों से यथासंभव अपने घर पर ही छठ पूजा का आयोजन करने को कहा है। छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति, 60 साल से ऊपर के व्यक्ति, 10 साल से कम उम्र के बच्चे एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को छठ घाटों पर नहीं जाने की सलाह स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है।
छठ व्रत के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करने तथा दो गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करने की सलाह दी गई है। तालाब में अर्घ्य देने के दौरान डुबकी नहीं लगाने की सलाह दी गई है। कोविड के खतरे को देखते हुए छठ घाटों पर भीड़ भाड़ नहीं लगाए जाने के साथ वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। पटना जिला प्रशासन ने छठ पर्व के मद्देनजर शहरी क्षेत्र के 24 घाटों को इस बार खतरनाक अथवा अनुपयोगी घोषित किया है।