Citizenship Amendment Bill LIVE : – लोकसभा में नागरिकता बिल पेश होगा। बिल को पेश होने के लिए लोकसभा में जो वोटिंग हुई, उसमें 293 हां के पक्ष में और 82 विरोध में वोट पड़े हैं। लोकसभा में इस दौरान कुल 375 सांसदों ने वोट किया। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल 0.001 प्रतिशत भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। इस बिल से जुड़े विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा। कांग्रेस की अगुआई में अधिकांश विपक्षी दलों ने भी नागरिकता संशोधन बिल के वर्तमान स्वरूप को देश के लिए खतरनाक बताते हुई इसके विरोध की ताल ठोक दी है। शिवसेना का कहना है कि केंद्र इस बिल के जरिए हिंदू-मुस्लिमों के बीच अदृश्य बंटवारा कर रही है।
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– लोकसभा में नागरिकता बिल पेश होगा। बिल को पेश होने के लिए लोकसभा में जो वोटिंग हुई, उसमें 293 हां के पक्ष में और 82 विरोध में वोट पड़े हैं। लोकसभा में इस दौरान कुल 375 सांसदों ने वोट किया।
– नागरिक संशोधन विधेयक को कानून का उल्लंघन बताने वाले विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा- रिजनेबल क्लासिफिकेशन के आधार पर इस देश में आर्टिकल 14 रहते हुए कई कानून बने हैं। देखिए, समानता के आधिकार के कानून दुनियाभर के कई देशों में है, लेकिन क्या आप वहां जाकर नागरिकता ले सकते हैं? वो ग्रीन कार्ड देते हैं, निवेश करने वालों, रिसर्च और डिवेलपमेंट करने वालों को देते हैं। रिजनेबल क्लासिफिकेशन के आधार पर ही वहां भी नागरिकता दी जाती है। फिर ऐसा भी नहीं कि पहली बार सरकार नागरिकता के लिए कुछ कर रही है। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश से आए लोगों को नागिरकता देने का निर्णय किया था। पाकिस्तान से आए लोगों को नागरिकता फिर क्यों नहीं दी गई? आर्टिकल 14 की ही बात है, तो सिर्फ बांग्लादेश से आने वालों को क्यों नागरिकता दी गई?
– नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- सेक्युलरिज्म देश के आधारभूत ढांचे का हिस्सा है। यह बिल मौलिक अधिकारों का हनन करता है। वहीं, असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी कहा कि यह बिल उत्तर असम अकॉर्ड का उल्लंघन करता है। हालांकि, इसके जवाब में अमित शाह ने दावा किया कि यह बिल संविधान के किसी भी अनुच्छेद को प्रभावित नहीं करता है।
– संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश होने के बाद काफी हंगामा देखने को मिल रहा है। लोकसभा में टीएम सांसद सौगत राय ने कहा कि गृह मंत्री नए हैं, उन्हें शायद नियमों की जानकारी नहीं है। इसके बाद लोकसभा में हंगामा हो गया। इससे पहले सौगत राय ने लोकसभा में कहा कि आज संविधान संकट में है। इसके बाद बीजेपी के सदस्यों ने उनके बयान का विरोध किया। बीजेपी के हंगामें के दौरान टीएमसी सांसद बोले- मारेंगे क्या, मारेंगे क्या मुझे?
– बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा- नागरिकता संशोधन विधेयक किसी भी तरह से देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है, इसका मैं विश्वास दिलाता हूं। लोकसभा में अमित शाह ने जैसे ही आज नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया, वैसे ही विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। इस पर गृह मंत्री ने खड़े होकर साफ कहा कि वह अभी बिल पेश कर रहे हैं और विपक्षी सांसदों के एक-एक सवालों का जवाब देंगे, तब आप वॉकआउट मत करिएगा। शाह ने यह भी कहा कि यह बिल 0.001 प्रतिशत भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।
– अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश कर दिया है।
– समाजवादी पार्टी संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करेगी। अखिलेश यादव ने यह जानकारी दी है।
– नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में संसद परिसर में AIDUF सांसद बदरुद्दीन अजमल प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दिल्ली में इस बिल के विरोध में जंतर-मंतर पर AIUDF का प्रदर्शन भी जारी है।
– नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा- हिदुओं के लिए और कोई देश नहीं है। मुसलमानों के लिए कई देश हैं। घुसपैठियों की भारत में कोई जगह नहीं। यह सरकार कई बार साफ कर चुकी है।
– कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। देश की मौजूदा आर्थिक सुस्ती को देखते हुए क्या सरकार ऐसा डेटाबेस बना सकती है, जिससे पता चले कि जिसने एजुकेशन लोन लिया है उसे रोजगार मिला या नहीं?
– भारतीय जनता पार्टी के सांसद विजय गोयल ने राज्यसभा में दिल्ली की अनाज मंडी में लगी भीषण आग का मुद्दा है। रविवार को लगी इस भीषण आग में 43 लोगों की जान चली गई है और कई लोग घायल हो गए हैं।
– नागरिकता संशोधन विधेयक पर एआइयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल ने कहा- यह बिल संविधान और हिंदू मुस्लिम एकता के खिलाफ है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। इस के मुद्दे पर विपक्ष भी हमारे साथ है। हम इस बिल को किसी भी कीमत पर पास नहीं होने देंगे।
– केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज नागरिक संशोधन विधेयक संसद के पटल पर रखने जा रहे हैं। अमित शाह लोकसभा पहुंच गए हैं। दोपहर 12 बजे वह लोकसभा में नागरिकता कानून बिल पेश करेंगे। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि केंद्र सरकार आज ही नागरिकता बिल को लोकसभा में पास कराएगी। इसका मतलब है कि इस बिल पर लोकसभा में सोमवार को ही चर्चा हो सकती है।
– केंद्र नागरिकता संशोधन बिल को देशहित में बता रहा है। गृह मंत्रालय सूत्रों की मानें तो नागरिकता कानून के तहत मणिपुर की चिंताओं को भी देखा गया है। इसमें हर राज्य का ध्यान रखा गया है। इनर लाइन परमिट में मणिपुर को भी शामिल किया जा सकता है, अभी तक अरुणाचल, नगालैंड और मिजोरम को ही शामिल किया गया था। इससे पहले 1950 से लेकर अभी तक सभी को फॉरेन ऑफिस में रजिस्टर करने की जरूरत थी।
– देश में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर कई मांग उठ रही हैं। शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिज़वी ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. इसमें लिखा गया है कि नागरिकता संशोधन बिल में शियाओं को भी शामिल किया जाए।
– नागरिकता संशोधन विधेयक का संसद से सड़क तक विरोध हो रहा है। आज सिर्फ असम में इस बिल के विरोध में सोमवार को 16 संगठनों ने 12 घंटे का बंद बुलाया है। इनके अलावा आदिवासी छात्रों ने भी इस बंद का समर्थन किया है, असम के अलावा अन्य राज्यों में भी बिल के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। नागरिकता कानून से पहले एनआरसी का भी भरपूर विरोध किया गया था।
– संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रश्नकाल के बाद लोकसभा में सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल 2019 पेश होगा। बताया जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह इस बिल को सदन के सामने रखेंगे।
– नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिवसेना ने केंद्र सरकार पर हमला किया है। शिवसेना का कहना है कि केंद्र इस बिल के जरिए हिंदू-मुस्लिमों के बीच अदृश्य बंटवारा कर रही है।
– इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सांसद पीके कुन्हलिकुट्टी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB), 2019 की शुरुआत का विरोध करते हुए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। नागरिकता संशोधन बिल में केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया है। इसी का विपक्षी विरोध कर रहे हैं।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल में सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक भेदभाव और उत्पीड़न के शिकार होकर आने वाले गैर-इस्लामिक धर्मावलंबियों हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और इसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इसमें मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किया गया है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों का कहना है कि भारतीय संविधान धर्म के आधार पर इस तरह के भेदभाव की इजाजत नहीं देता।