पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सीपीआई (एम) नीत वाम मोर्चा के साथ सीट शेयरिंग पर जारी बातचीत रविवार को ख़ारिज करते हुए अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लामबंद हो रही कांग्रेस पश्चिम बंगाल के अलावा भी कई प्रदेशों में गठबंधन करने में भी नाकाम रही है.
सीपीआई (एम) के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस की तरफ से औपचारिक संदेश मिलने तक वे इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. वाम मोर्चा ने आगे की रणनीति निर्धारित करने के लिए सोमवार को एक बैठक बुलाई है. रविवार शाम बंद कमरे में हुई पार्टी की बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा हैं कि, ‘हमारी पार्टी इकाई ने निर्णय लिया है कि वे अपने सम्मान के साथ समझौता कर कोई तालमेल या गठबंधन नहीं करना चाहती है.
उन्होंने कहा है कि वाम हमारे ऊपर हुकुम नहीं चला सकता है कि कौन प्रत्याशी होगा और कौन नहीं. हम बंगाल में अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे.’ रविवार को कांग्रेस के इस निर्णय ने पश्चिम बंगाल में चुनावी मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है और तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला रहेगा.