प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रविवार शाम को यह ऐलान कर सकते हैं कि 14 अप्रैल को खत्म होने वाला राष्ट्रीय लॉकडाउन (Lockdown In India) आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं. शनिवार को मोदी शनिवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे. इसके बाद लॉकडाउन पर आखिरी फैसला लिया जा सकता है. ऐसे संकेत मिले हैं कि केंद्र सरकार कई राज्यों में तेजी से फैल रहे वायरस को रोकने के लिए कई राज्यों में लॉकडाउन कर सकती है.
माना जा रहा है कि अगर लॉकडाउन बढ़ेगा तो उसमें कुछ क्षेत्रों को सीमित छूट मिल सकती है क्योंकि लंबे समय तक लॉकडाउन रहने से बड़े पैमाने पर विषम आर्थिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.
मुख्यमंत्रियों ने की लॉकडाउन जारी रखने की वकालत
सूत्रों ने कहा कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अंतरराज्यीय आवाजाही प्रतिबंधित रहेने की संभावना है. ओडिशा ने गुरुवार को पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक से दो दिन पहले 30 अप्रैल तक लॉकडाउन की तिथि बढ़ा दी. ऐसा करने वाला वह पहला राज्य है. तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव सहित अन्य सीएम ने भी चल रहे लॉकडाउन के विस्तार की गंभीर वकालत की है.मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उनकी सरकार लॉकडाउन का विस्तार करेगी, जबकि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन को तुरंत वापस नहीं ले सकते, और इसे चरणबद्ध तरीके खत्म किया जाना चाहिए. इसके साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि लॉकडाउन अभी जारी रहना चाहिए. राज्य मंत्रिमंडल इसके विस्तार पर शुक्रवार को फैसला लेगा.
आरबीआई के ऋण स्थगन पर स्पष्टता के अभाव से एनबीएफसी पर नकदी का दबाव
वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक के ऋण स्थगन पर स्पष्टता के अभाव और ऋण वापसी के कम संग्रह के चलते गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) को नकदी संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनबीएफसी को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वे ग्राहकों को ऋण की किस्त स्थगित करने की सुविधा दे रहे हैं, जबकि उन्हें बैंकों से यह सुविधा नहीं मिल रही है.
एनबीएफसी ने आरबीआई से स्पष्टता और नकदी सहायता मांगी
रेटिंग एजेंसी के वरिष्ठ निदेशक कृष्णन सीतारमन ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘नया वित्त पोषण पाने में चुनौतियों, और लगभग नगण्य संग्रह को देखते हुए, यदि एनबीएफसी को स्वयं बैंकों से ऋण स्थगन की सुविधा नहीं मिली तो उनमें से कई को नकदी की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और वे समय पर ऋण दायित्वों को पूरा न कर पाने के लिए मजबूर हो सकते हैं.’’
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने एक राहत पैकेज की घोषणा की थी, जिसके तहत एक अप्रैल 2020 को सभी तरह के बकाया कर्ज पर तीन महीने के लिए ऋण स्थगन की मोहलत शामिल थी.
एनबीएफसी ने ऋण स्थगन पर आरबीआई से स्पष्टता और नकदी सहायता मांगी है.