कोरोना महामारी की वजह से आम आदमी की लाइफस्टाइल में बड़ा बदलाव आया है. लोग इस वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए हरसंभव दो गज की दूरी बनाकर चल रहे हैं, और इसी में सबकी भलाई है.

कोरोना वायरस देश में तेजी से फैल रहा है. जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक परहेज ही एकमात्र बचाव का विकल्प है.
देश में 24 मार्च से लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी, उसके बाद जब लॉकडाउन खुला, तो लोग अपने काम-काज पर लौटने लगे.
लॉकडाउन खुलने के बाद भी लोग कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कर रहे हैं. अभी भी सार्वजनिक जगहों पर एकजुट होने पर सख्त पाबंदी है.
कोरोना से पहले बड़े शहरों में लोग घंटों जिम में बिताते थे, लेकिन कोरोना की वजह से जिम अभी तक नहीं खुल पाए हैं.
जिम बंद होने की वजह से हेल्थ फिटनेस को लेकर फिलहाल साइकिल की डिमांड बढ़ गई है. क्योंकि लोग अपनी सेहत को लेकर बेहद सजग हैं और उनके लिए फिलहाल साइकिल ही एकमात्र सहारा है.
एक तरह से जिम का रिप्लेसमेंट साइकिल हो गया है. लोग साइकिल चलाकर वर्कआउट कर रहे हैं. इसके अलावा बड़े पैमाने पर लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, ऐसे लोग साइकिल से अपने कार्यस्थल पहुंच रहे हैं.
दरअसल, कोरोना संकट के बीच साइकिल की सवारी से डबल फायदा हो रहा है, एक तो सस्ती होती है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोग अपने काम-काज पर जा रहे हैं. साथ ही फिटनेस को बनाए रखने में भी साइकिल मदद कर रही है.
देश में सबसे बड़ी साइकिल कंपनी हीरो का कहना है कि लॉकडाउन के बाद साइकिल की डिमांड में काफी तेजी आई है. प्रीमियम कैटेगरी में 50 फीसदी की डिमांड बढ़ी है, जबकि इलेक्ट्रिक कैटेगरी में 100 फीसदी तक की ग्रोथ दर्ज की गई है.
एक निजी चैनल से बातचीत में हीरो साइकिल के CMD पंकज मुंजाल ने कहा कि शहरी इलाकों में डिमांड में तेजी आई है. उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों के बाद इस तरह की साइकिल को लेकर दीवानगी देखी जा रही है. अब प्रोडक्शन को बढ़ाया जा रहा है. क्योंकि डीलर के पास 10 से 15 फीसदी ही साइकिल का स्टॉक बचा है.
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