लॉकडाउन में कई ऐसे जोड़े एक दूसरे से दूर फंस गए हैं जिनकी हाल ही में शादी हुई है। दूसरी तरफ कुछ ऐसे युवा हैं जो नौकरी के लिए किसी दूसरे राज्य गए थे लेकिन अब आना मुश्किल हो गया है। अकेले उनका मन नहीं लग रहा। सरकार कुछ शर्तों पर एक से दूसरे शहर या राज्य जाने की अनुमति दे रही है लेकिन ये आवेदन कर नहीं सकते। वजह यह है कि आवेदन में कोई बड़ा कारण बताना पड़ता है जो इनके पास है नहीं।
लाटूश रोड पर रहने वाली स्नेहा (बदला हुआ नाम) की इसी जनवरी में शादी हुई। पति नोएडा में एक कंपनी में काम करते हैं। होली की छुट्टियों में लखनऊ अपने घर आईं और फिर जब जाने की बारी आई तो लॉक डाउन हो गया। अब उनके पति अलग परेशान हैं। घर में अकेले हैं। दफ्तर के अलावा घर का काम भी खुद कर रहे हैं। कोई मदद करने वाला नहीं। इसी तरह चारबाग के रोहित की हाल ही में शादी हुई। दुल्हन पैर फिराई के लिए माइके वाराणसी गई लेकिन अब वापस नहीं आ पा रही है।
दूसरे शहरों में फंस गए आएं कैसे
एक प्रमुख विमानन कंपनी की एयरहोस्टेस गुड़गांव में रहती है घर यहां लखनऊ में है। लॉक डाउन में घर आना चाहती है। फोन पर बताया कि ई पास के लिए आवेदन किया तो उसमें आने का कारण लिखने के साथ एक अटैचमेंट भरना जरूरी था जिसमें बीमार या मृत परिवारीजन का सर्टिफिकेट देना था। ऐसा कोई कारण था नहीं। बिना उस कोष्ठक को भरे आवेदन सबमिट नहीं हुआ।
अब तक साढ़े चार हजार आवेदन आए
जिला कलेक्ट्रेट में दूसरे राज्यों या शहरों में जाने के लिए साढ़े चार हजार से अधिक आवेदन आए हैं। पहले सीधे आवेदन की सुविधा थी अब ई पास के जरिए हो रहे हैं। अभी तक 1230 के लगभग आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 150 के करीब कैंसर मरीज हैं जिनको कीमोथैरेपी या अन्य किसी कारण से दूसरे शहर जाना था। उनको भी अनुमति मिली है जिनके किसी करीबी की मृत्यु हो गई। इसके अलावा ऐसे बुजुर्ग माता पिता जिनकी देखभाल करने वाली एकलौती बेटी या बेटा आना चाहता हो उसको भी अनुमति दी गई है।