लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के हत्यारों का बचना मुश्किल

सेना के 22 साल के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की अगवा कर हत्या करने वाले आतंकियों के संदिग्ध पोस्टर पुलिस ने जारी कर दिए हैं. पुलिस ने तस्वीर जारी कर आम जनता से सहयोग मांगा है. वहीं दक्षिण कश्मीर के युवाओं में फैयाज की कायरना पूर्वक हत्या को लेकर गुस्सा भी बढ़ रहा है. उधर ये भी खबर है कि इस घटना को देखते हुए सेना ने जम्मू कश्मीर में अब छुट्टी पर आने वाले अपने जवानों और अधिकारियों को पुलिस तथा सेना को पहले जानकारी देने को कहा है.

लेफ्टिनेंट उमर फैयाज के हत्यारों का बचना मुश्किल

पुलिस ने जिन तीन आतंकियों की तस्वीर जारी की है इनमें से इशफाक अहमद ठाकोर और गयास-उल-इस्लाम का ताल्लुक दक्षिण कश्मीर के पडरपुरा इलाके से है जबकि अब्बास अहमद भट्ट नाम का आतंकी मंत्रीबाग इलाके का रहने वाला है. ये तीनों आतंकी हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े बताए गए हैं. पुलिस ने इन्हें पकड़ने में मदद करने वालों को ईनाम देने का भी ऐलान किया है.

हलांकि इस मामले की जांच कर रहे एजेंसियों की मानें तो लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को मारने में हिज्बुल और लश्कर के करीब 10 आतंकियों का हाथ है. इस मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया है. पूरे दक्षिण कश्मीर में सेना के युवा अफसर की हत्या करने वाले आतंकियों की तलाश तेज हो गई है.

शोपियां पुलिस की ओर से तीन आतंकियों की तस्वीरें जारी की गई हैं. साथ ही सेना की तरफ से कश्मीर घाटी से जुड़े सेना के जवानों और अफसरों के लिए छुट्टियों से जुड़ी गाइडलाइन भी जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि छुट्टियों पर जाने से पहले इलाके में लोकल यूनिट्स को जरूर सूचित करें ताकि कुछ होने पर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जा सके. मंगलवार को आतंकियों ने सेना के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की उस वक्त अगवा करके हत्या कर दी थी जब वो अपने एक रिश्तेदार के घर शादी में गए थे.

22 साल के उमर फैयाज कुलगाम के सुरसोना गांव के रहनेवाले थे. शादी में मौजूद लोगों का कहना है कि फैयाज दुल्हन के पास ही बैठा था जब आतंकी उसे घर से बाहर खींचकर ले गए और फिर उसकी हत्या कर दी. एक खबर के मुताबिक आतंकी अब्बास एक हत्या के केस में पांच साल की सजा काट चुका है. 2016 में अब्बास जमानत पर बाहर है और फिर वो फरार हो गया. वहीं इशफाक और गयास हिज्बुल में हाल ही में शामिल हुए हैं.

यह भी सच है कि लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या के बाद दक्षिण कश्मीर के युवाओं में आतंकी संगठनों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है. सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या आतंकियों ने इसलिए की ताकि सेना की भर्ती रैलियों में कश्मीरी युवकों को शामिल होने से रोका जा सके. आपको ये बता दें कि सेना और पुलिस की भर्ती रैलियों में कश्मीरी युवकों की लगातार बढ़ रही भीड़ से आतंकी संगठन बौखला गए थे और इस वजह से उन्होंने लोगों को डराने के लिए ऐसी हरकत की.

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