लाभ का पद मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के खिलाफ दायर याचिका पर चुनाव आयोग ने सोमवार को सुनवाई करते हुए मामले को 24 अगस्त तक के लिए टाल दिया है। लाभ के पद की परिभाषा तय करने के मामले में चुनाव आयोग अंतिम दौर की सुनवाई कर रहा है। इससे पहले आप विधायकों ने चुनाव आयोग से सुनवाई टालने का आग्रह किया था। विधायकों का तर्क था कि आयोग के याचिकाकर्ता से प्रतिवादियों को जिरह की इजाजत न देने वाले आदेश को उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है, लिहाजा मामले की सुनवाई टाल दी जाए। इसके बाद चुनाव आयोग ने मामले की सुनवाई 20 अगस्त के लिए तय की थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत, चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा ने अपने 70 पन्नों के आदेश में साफ किया था कि लाभ का पद मामले में आरोपी विधायकों द्वारा याचिकाकर्ता से जिरह की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह इस मामले की कार्रवाई का गवाह नही है। साथ ही प्रतिवादी अपनी अर्जी में दी गई दलील के अनुसार इस मामले में किसी गवाह को पेश किए जाने की जरूरत साबित करने में भी नाकाम रहे हैं।
दिल्ली की सरकार द्वारा संसदीय सचिव नियुक्त किए गए आप के 20 विधायकों को लाभ के पद पर होने की वजह से विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर आयोग सुनवाई कर रहा है।
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