मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लव जिहाद के लिए कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार भी जल्द इसपर कानून बनाने जा रही है। इसके अलावा कई अन्य राज्यों में इस मामले पर कानून बनाने की मांग उठ रही है। इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लव जिहाद को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि भाजपा देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।
अशोक गहलोत ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘लव जिहाद भाजपा द्वारा राष्ट्र को विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए निर्मित एक शब्द है। विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, इस पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और यह कानून किसी भी अदालत में खड़ा नहीं रह सकेगा। लव में जिहाद का कोई स्थान नहीं होता है।’
गहलोत ने कहा कि शादी एक व्यक्तिगत फैसला है और भाजपा इसपर अंकुश लगा रही है। उन्होंने कहा, ‘वे राष्ट्र में एक ऐसा वातावरण बना रहे हैं, जहां आपसी सहमति जताने वाले व्यक्ति राज्य की दया और शक्ति के अधीन रहेंगे। विवाह एक व्यक्तिगत निर्णय है और वे उस पर अंकुश लगा रहे हैं, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता को छीनने जैसा है।’
भाजपा पर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने, सामाजिक संघर्ष को बढ़ावा देने और राज्य के संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना करने जैसा है। जबकि राज्य किसी भी आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं करता है।’
मध्यप्रदेश में लव जिहाद रोकने के लिए राज्य सरकार एक नया एक्ट, ‘मध्यप्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट-2020’ ला रही है। इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। इस कानून के तहत लव जिहाद का ताजा मामला पकड़े जाने पर पांच साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा ऐसे विवाह जो पहले हो चुके हैं, उन्हें रद्द करने का अधिकार फैमिली कोर्ट को दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी लव जिहाद पर सख्त कानून बनाने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में उप्र के गृह विभाग ने न्याय व विधि विभाग को प्रस्ताव भेजा है। विधि विभाग प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है। इसका मकसद लोभ, लालच, दबाव, धमकी या शादी का झांसा देकर शादी की घटनाओं को रोकना है। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर सहमति जताई थी जिसमें कहा गया था कि महज शादी करने के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अवैध होगा।