एविएशन और डिफेंस इंडस्ट्री में हर दिन नए एक्सपेरिमेंट हो रहे हैं। यह सेक्टर इतनी तरक्की कर चुका है कि भविष्य में किसी मुल्क की ताकत इस बात पर निर्भर होगी कि उसकी सेना कितनी जल्दी उड़कर कहीं पहुंच सकेगी। यही सिद्धांत पर चलते हुए पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) एक नए हायपरसॉनिक स्पेसक्राफ्ट का निर्माण करा रहा है, जो कम कीमत पर कम समय में धरती की निचली कक्षा में हल्के पेलोड ले जा सके। बोइंग कंपनी का XS-1 (एक्सपेरिमेंटल विमान), जिसे वह फैंटम एक्सप्रेस भी कहती है, को डिफेंस अडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी (DARPA) से हरी झंडी मिल गई है। XS-1 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह 3000 पाउंड वजन वाले सैटलाइट्स को महज 5 मिलियन डॉलर की कीमत पर स्पेस में ले जा सके। इसे जमीन से लॉन्च कराकर एक पारंपरिक प्लेन की तरह भी लैंड कराया जा सकता है, जिससे इसका बार-बार इस्तेमाल हो सकता है।

DARPA का मकसद पारंपरिक विमान के जरिए 1 मिलियन डॉलर से भी कम की कीमत में 100 पाउंड वजन वाले सैटलाइट्स को लॉन्च कराना है। DARPA के प्रोग्राम मैनेजर जेस स्पूनेबल ने 24 मई को एक बयान में कहा, XS-1 न तो पारंपरिक जहाज होगा और न ही लॉन्च वीइकल, बल्कि यह दोनों का मिश्रण होगा।
एेसा होगा इंजन:
फैंटम एक्सप्रेस में एयररोजेट रॉकेटडाइन होल्डिंग्स इंक AR-22 का इंजन लगा होगा। 2019 तक बोइंग इसका काम पूरा कर लेगा, जिसमें 10 दिनों तक 10 ग्राउंड फायरिंग भी शामिल होंगे। साथ ही 2020 तक 12-15 फ्लाइट टेस्ट किए जाएंगे। हालांकि बोइंग के प्रवक्ता ने इस प्रोजेक्ट की लागत बताने से इनकार कर दिया। XS-1 एेसा ही एयरफ्रेम है, जिस पर काम किया जा रहा है, जो हायपरसॉनिक गति से उड़ान भर सकता है। इसकी रफ्तार समुद्र तल पर ध्वनि की गति मैक-1 (767 मील प्रति घंटे) से भी 5 से 10 गुना ज्यादा होगी। हालांकि इन डिजाइनों को उनकी ज्यादा मैक स्पीड, ज्यादा घर्षण और गर्मी के कारण चुनौती दी गई है। स्पेस में जाने के अलावा यह विमान पेंटागन को एक नई ताकत भी देगा। इसे महज तीन घंटे में पूरी दुनिया में कहीं भी तैनात किया जा सकता है। वहीं रक्षा सामान बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने कहा कि जब लोग हायपरसॉनिक विमानों के बारे में सोचते हैं तो उन्हें लगता है कि वे बड़े, ज्यादा कीमत वाले और विदेशी होंगे। लेकिन वह इस नजरिए को बदलने का वक्त है।
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