बिग ब्रेकिंग: लद्दाख में दूर हुआ रोजगार संकट, अब युवाओं को मिला रोजगार...

बिग ब्रेकिंग: लद्दाख में दूर हुआ रोजगार संकट, अब युवाओं को मिला रोजगार…

New Delhi: जम्मू-कश्मीर राज्य का ही हिस्सा है लद्दाख, लद्दाख का बड़ा शहर है लेह । सुरक्षा की दृष्टि से भी लद्दाख काफी सवेदनशील है यह विश्व का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है। और अक्साई चीन का एरिया जिस पर चीन अपना दावा करता है वो भी लद्दाख का ही एरिया है । लेकिन कश्मीर से विपरीत लद्दाख काफी शांत एरिया है, जहां ज्यादातर नेपाल-तिब्बत के बौद्ध लोग रहते हैं।बिग ब्रेकिंग: लद्दाख में दूर हुआ रोजगार संकट, अब युवाओं को मिला रोजगार...अभी-अभी: मोदी का सबसे करीबी दिग्गज नेता हुआ कांग्रेस में शामिल, BJP मे आया जबरदस्त भूचाल…

और शिया मुस्लिमों की भी आबादी है। मुस्लिम-बौद्ध मिलजुलकर रहते हैं । राज्य में कश्मीर के बाद लेह-लद्दाख टूरिस्ट के लिए काफी जाना जाता हैं । और अक्सर देश के हर कोनों से लोग यहां मोटरसाइकिल पर भी आते हैं । खासकर दिल्ली-मुंबई से लोग बाइक से आते हैं । नुब्रा घाटी और हंगला घाटी जाने के लिए ऊंटों से जाना होता है । क्योंकि वहां पर सड़क नहीं है । ऊंटों के बड़ी संख्या में प्रयोग से घाटी के बेरोजगार लोगों को रोजगार मिल रहा है । 

 

1984 से लद्दाख के उत्तर-पूर्व सिरे पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की एक और वजह बन गया। यह विश्व का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है। यहां 1972 में हुए शिमला समझौते में पॉइण्ट 9842 से आगे सीमा निर्धारित नहीं की गई थी। यहां दोनों देशों में साल्टोरो रिज पर कब्जा करने की होड रहती है। कुछ सामरिक महत्व के स्थानों पर दोनों देशों ने नियन्त्रण कर रखा है, फिर भी भारत इस मामले में फायदे में है।

 

लद्दाख में इन दिनों नुब्रा घाटी काफी फेमस टूरिस्ट स्थान बनकर उभरा है । लेह से करीब 130 किलोमीटर दूर नुब्रा घाटी में कैमल सफारी काफी प्रसिद्ध है और साथ ही यह बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार उपल्बध बनाने का साधन भी बन गया है ।

 

 खर्डोंगला दर्रा नुब्रा घाटी का प्रवेश द्वार है।, नुब्रा घाटी में आने वाले पर्यटक हंगला घाटी जाने के लिए रेत होने के कारण ऊंट की सवारी करते हैं । यह ऊंट ही आज यहां के युवाओं के लिए रोजगार का साधन बन गए है । जंगलों से लाए गए ऊंटो को ट्रेनिग देने के बाद टूरिस्ट के लिए प्रयोग किया जाता है ।

ऐतिहासिक सिल्क रूट पर पड़ने वाली हंदर घाटी, पहले व्यापार के लिए जानी जाती थी, रूट बंद होने के कारण ज्यादातर बैक्ट्रियन ऊंट नुब्रा घाटी के जंगलों में चले गए । सिल्क रूट के बंद होने के बाद, अधिकांश ऊंट जंगली में चले गए थे देर से, उनमें से कुछ पालतू रहे हैं और पर्यटकों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है 

 

1990 के ही दशक में लद्दाख को कश्मीरी शासन से छुटकारे के लिये लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेण्ट काउंसिल का गठन हुआ। लंबे समय से लद्दाखी के सामाजिक कार्यकर्ता लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि उन्हें कश्मीर से मदद नहीं मिल पाती है, उनका कल्चर कश्मीरी कल्चर से अलग होने के कारण भी काफी दिक्कते आती हैं ।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com