एलडीए ने राजधानी में सौ ऐसे शराब के ठेके और बार चिह्नित किए हैं, जो आवासीय भूखंडों पर चल रहे हैं। इनमें मानकों का खुला उल्लंघन हो रहा है। आबकारी विभाग की ओर से ऐसे ठेकों और बार की सूची प्राधिकरण से मांगी गई थी, जिसके आधार पर एलडीए के अभियंताओं ने इन्हें सूचीबद्ध किया है। अब अगले दो महीनों में इन शराब ठेकों और बार के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।
प्राधिकरण ने आबकारी विभाग की मांग पर सूची बनाई है। चारबाग स्थित होटल के बार में आग लगने के बाद ये कवायद शुरू की गई थी। प्रत्येक जोन के अभियंताओं ने ऐसे बार और ठेकों की सूची बनाई है। गोमती नगर से लेकर पुराने लखनऊ, कानपुर रोड, महानगर, निशातगंज, अलीगंज, आशियाना, रायबरेली रोड सहित सभी इलाकों में ऐसे बार और शराब ठेके हैं।
घरों में ठेकों की मंजूरी पर सवाल
प्राधिकरण ने घरों में ठेकों की सूची बनाई है। मगर इनको आबकारी विभाग से मिले अनुमोदन पर बड़ा सवाल है। लाइसेंस निर्गत करने से पहले परिसर की चौहद्दी दर्ज की जाती है कि ये किसी आवासीय परिसर में तो नहीं हैं। इन सौ ठेकों पर ये सकारात्मक रिपोर्ट किस तरह से लगा दी गई। एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि हमने सौ ठेकों की सूची बनाई है। ये सूची मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह के कार्यालय से आबकारी विभाग को भेज दी जाएगी। इसके बाद में इन पर कार्रवाई होगी।
कई जगह हुए शराब ठेकों के खिलाफ आंदोलन
गोमती नगर में केंद्रीय स्कूल के सामने, जानकीपुरम विस्तार और जानकीपुरम के अलावा शहर की अनेक आवासीय कॉलोनियों में शराब के ठेके खुले हुए थे। इनका भारी विरोध हुआ था। मगर ये विरोध दरकिनार किया जाता रहा।