हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के फर्जी प्रमाणपत्र का खेल लखनऊ से लेकर दिल्ली तक चल रहा है। फर्जी संस्थाएं लोगों को 10वीं-12वीं के प्रमाणपत्र धड़ल्ले से बेच रहे हैं लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। शासन-प्रशासन की सुस्ती के कारण फर्जीवाड़े का खेल जोरों पर हैं। हाल ही में यूपी बोर्ड में ऐसी कई संस्थाओं के बाबत पूछताछ की गई है जिनका कोई विधिक अस्तित्व नहीं है। ये रुपयों के लिए लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं।
राष्ट्रीय संस्कृत संस्थानम् जनकपुरी, नई दिल्ली नाम की संस्था के 10वीं का प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए आया तो यूपी बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी चकरा गए। यह संस्था खुद को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नियमानुसार स्थापित डीम्ड विश्वविद्यालय होने का दावा कर रही है। इसी प्रकार भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ भी खुद को यूपी बोर्ड के समकक्ष होने का दावा कर रही है। इसने नेहरू विद्यापीठ हाईस्कूल करीमगंज आसाम केंद्र से संतोष कुमार के नाम 2012 का 10वीं का प्रमाणपत्र जारी कर दिया। यूपी बोर्ड में सत्यापन के लिए यह प्रमाणपत्र पहुंचा तो फर्जीवाड़े का पता चला। इसी तरह जौनपुर की संस्था एमएच एजुकेशनल विद्यापीठ मुख्य विद्यालय एवं स्वायत्तशासी संस्था होने का दावा कर रही है। उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद नाम से संस्था इलाहाबाद में ही संचालित है। इसके नाम से नीलू यादव को वर्ष 2018 उच्च माध्यमिक (व्यावसायिक/गैर व्यावसायिक) का प्रमाणपत्र भी जारी हुआ लेकिन सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।
प्रयागराज के शांतिपुरम फाफामऊ में उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद नाम से फर्जी बोर्ड चल रहा है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 20 मई के अंक में इसका खुलासा किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बोर्ड की वेबसाइट पर मान्य संस्थाओं की सूची- हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा करवाने के लिए देशभर में अधिकृत एवं मान्य संस्थाओं की सूची यूपी बोर्ड की वेबसाइट www.upmsp.edu.in पर 27 अक्तूबर 2016 से उपलब्ध है। उसमें राष्ट्रीय संस्कृत संस्थानम् जनकपुरी नई दिल्ली, भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ, एमएच एजुकेशनल विद्यापीठ मुख्य विद्यालय जौनपुर, उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद या उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद का नाम नहीं है। यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा- यूपी बोर्ड के समकक्ष एवं मान्यता प्राप्त संस्थाओं की सूची हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। जो संस्थाएं अनाधिकृत रूप से प्रमाणपत्र जारी कर रही हैं उनके खिलाफ नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।