शहर में कोरोना का प्रकोप चरम पर है। राज्य सरकार के एक और मंत्री वायरस की चपेट में आ गए। वहीं केजीएमयू के डॉक्टर समेत कई कर्मी वायरस की गिरफ्त में आ गए। 24 घंटे में 644 मरीज कोरोना के पाए गए। वहीं 11 की इलाज के दरम्यान सांसें थम गईं।
राजधानी में कोरोना वायरस की चेन ब्रेक नहीं हो रही है। हर रोज छह सौ से सात सौ नए मरीज चपेट में आ रहे हैं। शनिवार को कैबिनेट मंत्री सतीश महाना में वायरस की पुष्टि हुई है। वहीं , केजीएमयू के कोरोना वार्ड व इमरजेंसी मेडिसिन के दो डॉक्टरों में वायरस पाया गया। इसके अलावा करीब 12 कर्मी भी संक्रमण की चपेट में आए। लिहाजा, केजीएमयू में अब तक 273 के करीब स्टाफ संक्रमण की जद में आ चुका है। वहीं संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने जानकारी से इन्कार किया। उधर, शहर में 24 घंटे में कुल 644 मरीजों में कोरोना पाया गया। इसके आलावा 11 मरीजों की मौत की मौत हो गई।
680 मरीजों ने जीती जंग
शहर में संक्रमित मरीजों में आधे से ज्यादा होम आइसोलेशन में हैं। वहीं, 24 घंटे में 680 मरीजों ने बीमारी से जंग जीतने में कामयाबी हासिल की है। यह मरीज सरकारी, निजी कोविड अस्पताल में भर्ती थे। वहीं कई होम आइसोलेशन में भी रहे। यह सभी 10 दिन तक क्वारंटाइन में रहेंगे।
यहां वायरस का प्रकोप
सीएमओ की टीम ने शनिवार को 4213 लोगों का सैंपल जांच के लिए लैब भेजा। इसके अलावा इंदिरा नगर में 38, हसनगंज में 19, गोमतीनगर में 52, महानगर में 28, हजरतगंज में 29, मड़ियांव में 16, रायबरेली रोड के 30, चौक के 29, जानकीपुरम के 21, विकासनगर में 15, कैंट में 15, आलमबाग में 21,आशियाना में 33, अलीगंज में 22, सरोजनीनगर में 19, चिनहट में 32, सहादतगंज में 15, कैसरबाग में 20, नाका में 18, सुशांत गोल्फ सिटी में 10, कृष्णानगर में 14, पारा में15 मरीजों में कोरोना पाया गया है। इसके अलावा विभिन्न इलाकों में मरीज मिले।
शहर के तीन मरीजों की मौत
राजधानी में कुल 11 मौतें हुईं। इसमें शहर निवासी तीन मरीजों की सांसें थमीं। इसके अलावा, सीतापुर के एक, अयोध्या के एक, प्रतापगढ़ के दो, कुशीनगर के एक, संतरविदास नगर के एक, लखीमपुर के एक, थाणे- महाराष्ट्र के एक मरीज की कोरोना से मौत हुई।
स्वामी राम भद्राचार्य की सेहत बिगड़ी, आइसीयू में शिफ्ट किया गया
पीजीआइ में भर्ती कोरोना संक्रमित तुलसी पीठ के संस्थापक स्वामी रामभद्राचार्य की सेहत बिगड़ने पर आइसीयू में शिफ्ट किया गया है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। कोरोना पॉजिटिव आने के बाद 22 अगस्त को स्वामी पीजीआइ को राजधानी कोविड अस्पताल में भर्ती हुए थे। सेहत में सुधार के बाद आईशोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। शुक्रवार को अचानक तबियत बिगड़ने पर दोबारा आईसीयू में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक स्वामी की तबियत स्थिर है। जौनपुर जिले में जन्मे 72 वर्षीय स्वामी रामभद्राचार्य चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विवि. के संस्थापक और चांसलर हैं। स्वामी जगद्गुरू के नाम से विख्यात हैं।