महाराष्ट्र के सपा अध्यक्ष अबू आजमी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। आयकर विभाग की जांच में 200 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी कबूलने के बाद भी उनको कोई राहत नहीं मिल सकी है। जुर्माने के साथ टैक्स वसूलने के बाद आयकर विभाग ने अब उनकी बेनामी संपत्तियों की पड़ताल शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने अबू आजमी की संपत्तियों की जांच बेनामी निषेध इकाई से कराने का निर्णय लिया है। इसकी जद में अबू आजमी का पार्टनर वाराणसी का विनायक ग्रुप भी है। बता दें कि आयकर विभाग, लखनऊ की जांच इकाई ने बीते अक्तूबर के पहले सप्ताह में अबू आजमी और विनायक ग्रुप के वाराणसी, मुंबई और लखनऊ स्थित ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें 200 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला था।
जांच के बाद आयकर विभाग ने विनायक ग्रुप की कई संपत्तियों को जब्त भी कर लिया था। साथ ही, वाराणसी विकास प्राधिकरण ने विनायक ग्रुप के संचालकों के खिलाफ वरुणा गार्डन के फ्लैट्स का फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र बनाने का मुकदमा भी दर्ज कराया था। अब आयकर विभाग यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि अबू आजमी और विनायक ग्रुप ने किन लोगों का काला धन अपनी परियोजनाओं में निवेश किया है।
पिछले साल भी मारा था छापा
आयकर विभाग ने विनायक ग्रुप के ठिकानों पर पिछले साल दिसंबर में भी छापा मारा था। इसमें 150 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ था। इसके बाद आयकर विभाग ने विनायक ग्रुप की भोपाल, ठाणे और वाराणसी स्थित 13 संपत्तियों को जब्त कर लिया था। विनायक ग्रुप ने टैक्स चोरी की बात स्वीकार करने के बाद आयकर विभाग में जुर्माना भी जमा किया था। हालांकि विभागीय सूत्रों के मुताबिक विनायक ग्रुप की संपत्तियों की कीमत के मद्देनजर जमा की गई रकम नाकाफी थी। इसी वजह से दस माह बाद फिर से विनायक ग्रुप के ठिकानों को खंगाला गया। अब आयकर विभाग के निशाने पर विनायक ग्रुप के कई अन्य पार्टनर भी हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है।
तीन राज्यों में हैं संपत्तियां
जांच में अबू आजमी और विनायक ग्रुप की यूपी, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में करीब 100 संपत्तियों का पता चला है। इनमें से तमाम संपत्तियां बेनामी होने की आशंका है। दरअसल इन संपत्तियों के निर्माण के बाद किसी को बेचा नहीं गया है। इससे साफ हो गया कि इन संपत्तियों में किसी अन्य का कालाधन निवेश किया गया है।