राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस वर्ष ओटावा और लंदन में भारतीय उच्चायोगों और सैन फ्रांसिस्को में महावाणिज्य दूतावास पर हमलों के पीछे संदिग्धों की पहचान करने के लिए कई छापेमारी कीं। एजेंसी ने जांच के कई नवीन तरीकों का उपयोग करते हुए इन हमलों के पीछे 43 संदिग्धों की पहचान की।
NIA ने इस वर्ष कितने छापे मारे?
एनआईए ने इस वर्ष आतंकी नेटवर्क के विरुद्ध अपनी कार्रवाई के दौरान 68 मामले दर्ज करने के बाद एक हजार से अधिक छापे मारे और 625 आरोपितों को गिरफ्तार किया। एजेंसी ने 74 आरोपितों को सजा दिलवाकर 94.70 प्रतिशत की सजा दर भी हासिल की। एनआईए प्रवक्ता ने बताया,
ओटावा व लंदन में भारत के उच्चायोगों के साथ-साथ सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास पर हमले भी वर्ष के दौरान विदेश में भारतीय हितों के विरुद्ध अपराधों में एनआईए की कार्रवाइयों का केंद्र बिंदु बने रहे। विदेश में भारतीय मिशनों पर हमलों के पीछे की साजिश को उजागर करने के एजेंसी के प्रयासों के तहत 50 से अधिक छापे और तलाशी की कार्रवाई की गईं।
80 से अधिक लोगों से हुई पूछताछ
उन्होंने कहा कि एनआईए ने साजिश का हिस्सा होने के संदेह में भारत में 80 से अधिक लोगों से पूछताछ की। अधिकारी ने कहा कि अर्श डाला और रिंदा सहित भारत के पांच मोस्ट वांटेड को आतंकियों के रूप में सूचीबद्ध करने के अलावा एनआईए के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने 2023 में चार आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया।
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