आज कल काम की परेशानी और भाग दौड भरी ज़िंदगी में ठीक से नींद न आने की परेशानी आम हो गई है जिससे निपटने के लिए लोग नींद की गोलियों का सहारा लेते है। पर इससे होने वाले साईडइ फेक्ट का हमें खुद ही अंदाजा नहीं है। पिछले पांच साल के दौरान बाजारों में नींद की गोलियों की बिक्री लगभग दोगुना बढ़ी है इन गोलियों से ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, सिदर्द, कैंसर और यहां तक की मौत का भी खतरा होने की संभावना हो सकती है।
आईए एक नज़र डालते है इससे होने वाले नुक़सानों पर
याददाश्त पर पड़ता है बुरा असर
लंबे समय तक नींद की गोलियां खाने से रक्त नलिकाओं में थक्के बन जाते हैं, याददाश्त कमजोर होने लगती है और बेचैनी की शिकायत आम हो जाती है।
बिगड़ती है गर्भस्थ शिशु की सेहत
अगर नींद की गोलियां गर्भावस्था में ली जाए, तो गर्भस्थ शिशु पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है और वह गंभीर विकृतियों का शिकार भी हो सकता है।
कोमा में जाने या मौत का खतरा
रोजना नींद की गोलियों का ओवरडोज़ लेने से दमे की शिकायत हो सकती है। दिल के दौरे का खतरा नींद की गोलियों का सेवन करने वालों को हार्ट अटैक का खतरा 50 गुना अधिक बढ़ जाता है।नींद की दवाओं में मौजूद जोपिडेम को दिल की बीमारियों की वजह माना जाता है।
स्नायु तंत्र हो जाती है शिथिल
नींद की गोलियां स्नायु तंत्र को शिथिल कर देती हैं, इसीलिए अगर लंबे समय तक इनका सेवन किया जाए, तो स्नायु तंत्र संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अतिरिक्त कैंसर पर हुए एक शोध के अनुसार यह बात भी सामने आई है कि जो लोग रोजाना इसी गोली खाते है, उन्हें कैंसर का भी खतरा होता है।
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