रॉबिन की बीमारी के चलते आग दर्दनाक हादसे में हुई तब्दील

माना जा रहा है कि अगर गेट पर ताला न लगा होता तो धुआं भरने से निकलना आसान होता। वहीं दूसरे भाई ने रात 2.14 बजे उत्तम नगर में रहने वाली मौसी को कॉल कर घटना की जानकारी दी थी। 

नजफगढ़ के प्रेम नगर में सोमवार देर रात लगी आग परिवार के एक सदस्य को मानसिक बीमारी होने से दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गई। परिवार के बड़े बेटे रॉबिन की बीमारी की वजह से रात में घर को अंदर से लॉक कर दिया जाता था। सोमवार रात भी यही प्रक्रिया दोहराई गई थी। माना जा रहा है कि अगर गेट पर ताला न लगा होता तो धुआं भरने से निकलना आसान होता।

मृतक के मामा रजत सूरी ने बताया कि परिवार का सबसे बड़ा बेटा चिराग उर्फ रॉबिन मानसिक रूप से बीमार था। करीब एक साल की उम्र से उसे मिर्गी के दौरे भी आते थे। पिछले 20-21 साल से उसका इलाज चल रहा था लेकिन कोई खास सुधार नहीं हुआ। वह कभी भी कमरे से बाहर निकल जाता था। कई बार माता-पिता सोते रहते और वह बाहर चला जाता था। इस समस्या से परेशान होकर माता-पिता ने कमरे के मुख्य दरवाजे पर ही ताला लगाना शुरू कर दिया।

रजत सूरी बताते हैं कि रॉबिन के कभी भी घर से बाहर निकल जाने से पूरा परिवार परेशान था। सभी को डर था कि यह रात में कहीं बाहर न चला जाए। इसे देखते हुए गेट पर ताला लगाते थे लेकिन क्या पता था कि सोमवार देर रात को लगी आग में उसी ताले के कारण बहन-जीजा और दोनों भांजे अंदर फंस जाएंगे। गेट पर ताला लगा होने के कारण वह बाहर भी नहीं आ पाए और दम घुटकर चारों की मौत हो गई।

मामा ने की थी रोकने की कोशिश पर लक्ष्य बोला- घर जाकर ही सोएगा
नई दिल्ली (राकेश शर्मा)। लक्ष्य उर्फ कानू की मौत उसे घर खींच लाई। हादसे से चंद घंटे पहले लक्ष्य अपने मामा रजत सूरी के घर पर था। मामा ने उसे रात में घर पर रोकने के लिए हरसंभव कोशिश भी की, लेकिन लक्ष्य ने कहा कि वह अपने घर ही जाकर सोएगा। कंपकंपाती आवाज में रोते हुए लक्ष्य के मामा रजत सूरी ने यह बताया। उनका कहना था कि काश लक्ष्य घर पर रुक जाता तो आज हमारे साथ होता। उसका मेरे साथ दोस्त जैसा व्यवहार था। हर छोटी-छोटी बात बताता।

अग्निकांड के दौरान भी उसने मदद के लिए आवाज लगाई होगी। सोमवार रात करीब 12 बजे तक वह मेरे ही साथ था। मैंने उसे कहा भी था कि रात को यही रुक जाओ लेकिन वह बोला कि आपके बच्चे भी नहीं हैं। उत्तम नगर वाली मौसी के घर गए हुए हैं। मैं अकेला क्या करूंगा। अपने घर चला जाता हूं। मम्मी के पास रहूंगा। यह बोलकर वह घर चला गया। रजत ने बताया कि अक्सर लक्ष्य दो-तीन दिन तक हमारे साथ ही रुक जाता था। मेरे बच्चे उस दिन हमारे घर पर नहीं थे। यदि वह होते थे लक्ष्य को रोक लेते। जब घर पहुंचा तो उससे रात 2:04 बजे तक चैटिंग पर बात होती रही। वह काफी समझदार था। आग लगने की घटना के तुरंत बाद लक्ष्य ने ही उत्तम नगर वाली मौसी को फोन करके आग लगने की जानकारी दी।

यह है पूरा मामला
दिल्ली के द्वारका जिले के नजफगढ़ स्थित प्रेम नगर के एक मकान में सोमवार देर रात इन्वर्टर में शॉर्ट सर्किट से आग लगने से एक परिवार के चार सदस्यों की दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों में दंपती और उनके दो बेटे शामिल हैं। इनकी शिनाख्त हीरा सिंह कक्कड़ (48), पत्नी नीतू सिंह कक्कड़ (46) और दो बेटे चिराग (22) उर्फ रॉबिन सिंह और लक्ष्य उर्फ कानू (21) के रूप में हुई है। 

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