अगर आपको फिल्मे देखना का शौक है तो आपने यम है हम डायलॉग सुना होगा लेकिन, यदि आपके सामने खुद यमराज खड़े होकर यह कहे तो, आपके क्या हालात होंगे. शायद यह सुनकर ही लोगों की रूह कांप जाएगी क्योंकि, माना जाता है कि यमराज को देखना यानी कि आपके शरीर से प्राण निकलने वाले हैं. कुछ ऐसा ही वाकया हुआ जबलपुर रेलवे स्टेशन पर भी दिखाई दिया. जिसने भी यमराज और उनके साथ चित्रगुप्त को देखा, वह सभी अचंभित हो गए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जबलपुर आरपीएफ ने रेलवे नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने की एक पहल की थी. जिसके माध्यम से यमराज और चित्रगुप्त बने कलाकारों द्वारा रेलवे पटरियों को क्रॉस करने वाले लोगों को यमराज द्वारा जिंदगी और मौत के मायने बताए. यमराज बने राजेश ने कहा कि आरपीएफ के साथ मिलकर पर हम लोगों ने रेलवे नियमों के प्रति लोगो को जागरूक किया. साथ ही जिन्होंने नियम तोड़े, उन्हें आरपीएफ के सुपुर्द कर दिया. जिन पर नियमानुसार कार्रवाई की गई.
इस महत्वपूर्ण अभियान में यमराज के निर्देश पर चित्रगुप्त द्वारा नियम तोड़ पटरी क्रॉस करने वालों की गई गलतियों को भी मौके पर ही सुनाया गया. साथ ही रेलवे नियमों की अवहेलना करने पर आरपीएफ की धाराओं में नियम तोड़ने वाले लोगों को सजा सुनाई गई. यमलोक के कानून के अनुसार, गलती की है तो, सजा भी भुगतनी होगी. लेकिन, सजा यमलोक की तर्ज पर नहीं पृथ्वीलोक की तर्ज पर सुनाई गई. चित्रगुप्त बने प्रवीण ने कहा कि यमराज के निर्देश पर रेल अधिनियम 1989 के तहत सजा सुनाई, आरपीएफ ने चालानी कार्यवाई की.