छठ पर्व मनाने के लिए बिहार जाने वाले यात्रियों को ट्रेनों में चढ़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। कुछ ट्रेनों में इतनी भीड़ है कि कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को भी खिड़कियों के माध्यम से कोच में घुसना पड़ रहा है। वहीं सामान्य कोच में पैर रखने की भी जगह नहीं है। ऐसा ही बुरा हाल शनिवार को अंबाला कैंट के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर देखने को मिला। जब अमृतसर से चलकर कटिहार जाने वाली आम्रपाली एक्सप्रेस यहां पहुंची तो कोई ट्रेन में चढ़ने के लिए गाली-गलौज कर रहा थ तो कोई दरवाजे पीट रहा था। कोच के अंदर बैठे यात्री ऐसे बैठे थे, मानो वो गूंगे-बहरे हों। सबसे बुरी स्थिति कंफर्म टिकट यात्रियों की थी जो रेलवे को कोस रहे थे।
बिहार जाने वाले यात्री मुकेश कुमार,शकुंतला, मोहन तिवारी, बृजभूषण आदि ने बताया कि दो माह पहले ट्रेन की टिकट कंफर्म करवा ली थी ताकि धक्के न खाने पड़ें, लेकिन स्टेशन पर आकर ऐसे हालात देखने को मिले। ऐसे ही हालात चंडीगढ़ से लखनऊ के बीच चलने वाली ट्रेन के भी नजर आए। जहां दरवाजों को खुलवाने के लिए आरपीएफ को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
बावजूद इसके काफी यात्री स्टेशन पर ही छूट गए। जब वो किराया वापसी के लिए स्टेशन मास्टर के कमरे में पहुंचे तो यहां भी उन्हें मायूसी ही हाथ लगी क्योंकि ट्रेन के निकल जाने के बाद कंफर्म टिकट यात्रियों को रिफंड नहीं मिलता। ट्रेनों के दरवाजे खुलवाने के लिए आरपीएफ को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। चेतावनी के बाद भी अधिकांश यात्री दरवाजे नहीं खोल रहे हैं।
कट रही ईएफटी
एक तरफ ट्रेनों में भीड़ का आलम है और दूसरी तरफ स्टेशन पर टीटीई ईएफटी काट रहे हैं। ऐसे में हालात बद्दतर हो रहे हैं। ट्रेनों में लुधियाना से ही इतनी भीड़ चढ़ जाती है कि अंबाला कैंट स्टेशन पर चढ़ने वालों को जगह ही नसीब नहीं होती।
अधिकारी के अनुसार
भीड़भाड़ वाली ट्रेनों के समय आरपीएफ कर्मचारियों की तैनाती की गई है। दरवाजे बंद होने पर समस्या गंभीर हो जाती है। ऐसे में दूसरे कोच में यात्री को चढ़ाना पड़ता है ताकि वो गंतव्य तक पहुंच सके। -जावेद खान, प्रभारी आरपीएफ।
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