अमेरिकन कैब कंपनी उबर के एशिया पैसिफिक हेड एरिक एलेक्जेंडर को कंपनी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. एरिक एलेक्जेंडर पर रेप पीड़िता की गोपनियता भंग करने और उसके मेडिकल रिकॉर्ड को शेयर करने का आरोप है. साल 2014 में दिल्ली की एक महिला एग्जीक्यूटिव के साथ उबर कैब के एक ड्राइवर ने रेप किया था.
जानकारी के मुताबिक, उबर के एशिया पैसिफिक हेड एरिक एलेक्जेंडर के पास रेप पीड़िता के मेडिकल रिकॉर्ड थे. उसे इन्होंने उबेर के सीईओ ट्रैविस कलानीक और एसवीपी एमिल माइकल को दिखा दिया था. इतना ही नहीं पत्रकारों से भी एरिक ने इस जानकारी को साझा किया था. इससे रेप पीड़िता की गोपनीयत भंग हो गई. इसलिए कंपनी ने कार्रवाई की है.
रेप की इस वारदात के बाद एरिक एलेक्जेंडर, ट्रैविस कलानीक और एमिल माइकल के साथ इस मामले की जांच के लिए भारत आए थे. उस वक्त यह आरोप लगा था कि कैब कंपनी ओला उबर की छवि खराब करना चाहती है, इसलिए रेप का आरोप साजिश के तहत लगाया गया है. इसी दौरान एरिक को पीड़िता का मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध हुआ था.
बताते चलें कि रेप की इस वारदात के बाद भारत आए एरिक एलेक्जेंडर ने माना था कि नियम कानून को ताक पर रखकर कंपनी कैब सेवाओं का परिचालन कर रही थी. कंपनी की वेबसाइट पर भी दावा किया गया था कि वह विश्व की ऐसी कैब कंपनी है जो यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सभी नियम पालन करती है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं कर पाई.
न्यूयार्क में रहने वाले एरिक एलेक्जेंडर को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए भारत बुलाया था. उन्होंने बताया था कि उबर केवल 20 फीसदी कमीशन लेती है. कई देशों में चालकों का अच्छी तरह सत्यापन करने के बाद ही रखा जाता है. जीपीएस से कंपनी 24 घंटे कैब और ड्राइवर पर नजर रहती है, लेकिन भारत में सुरक्षा मानकों को अमल नहीं हो सका.
बताते चलें कि 6 दिसंबर, 2014 में हुए रेप की इस वारदात में दोषी कैब ड्राइवर शिवकुमार यादव को उम्रकैद की सजा हुई है. यह वारदात उस वक्त हुई थी, जब प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली एक महिला एग्जीक्यूटिव ने एप के जरिए उबर कैब हायर किया था. इसे कैब कंपनियों के काम करने के तरीके और उनके ड्राइवर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे.