अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कुछ अन्य पश्चिमी देशों की चिंता के बावजूद ईरान अपना मिसाइल कार्यक्रम नहीं रोकेगा, बल्कि वह अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों की क्षमता बढ़ाना जारी रखेगा। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को यह संकल्प व्यक्त किया।
सेनाओं की वार्षिक परेड के दौरान राष्ट्रपति रूहानी ने कहा, ‘हम अपनी रक्षा क्षमताओं में कभी कटौती नहीं करेंगे। दिन प्रति दिन हम उनमें बढ़ोतरी ही करेंगे। तथ्य तो यह है कि मिसाइलों के प्रति आपका गुस्सा यह जाहिर करता है कि वे हमारे सबसे प्रभावशाली हथियार हैं।’ ईरान के पास 3,500 किमी तक मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हैं जो इजरायल और मध्यपूर्व में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम हैं। रूहानी ने आगे कहा कि ईरान के साथ संघर्ष की स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को असफलता ही हाथ लगेगी और उनका हश्र भी सद्दाम हुसैन जैसा होगा।
खाड़ी में सैन्य कार्रवाई की भी दी है धमकी
बता दें कि मई में ट्रंप के बहुपक्षीय परमाणु समझौते से हटने के बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव गहरा गया है। पिछले महीने अमेरिका ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं, ईरान ने कुछ सप्ताह पहले धमकी दी कि अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब में वह अन्य देशों के तेल निर्यात को बाधित करने के लिए खाड़ी में सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है। हालांकि, अमेरिका खाड़ी में अपना नौैसैनिक बेड़ा तैनात रखता है ताकि तेल से लदे जहाजों के समुद्री मार्गो की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
600 ईरानी पोतों ने किया सैन्य अभ्यास
रूहानी के संबोधन के बाद शनिवार को ईरान के 600 पोतों ने खाड़ी में नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लिया। इससे पहले शुक्रवार को उसने समुद्री मार्गो के ऊपर वायुसैनिक अभ्यास किया था।
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