रूस-यूक्रेन जंग के बीच परमाणु विकिरण से बचाने वाली दवा की मांग और कीमतों में अचानक बढ़ोतरी हो गई है। यूक्रेन के राष्ट्पति वोल्दोमीर ज़ेलेंस्की ने अपने देशवासियों से रूसी परमाणु हमले की तैयार रहने के लिए चेतावनी दी है। उन्होंने लोगों से परमाणु विकिरण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए इस तरह की दवाओं का भंडार रखने के लिए कहा है। एक नजर डालते हैं क्या होती है यह दवा और कैसे काम करती है :
कुछ प्रचलित दवाएं: रेडियोगार्डेज, थायरोशील्ड, आयोसैट, परिशयन ब्लू, पेन्टेट कैल्सियम ट्राईसोडियम, पौटैशियम आयोडाइड, पेन्टेट जिंक ट्राईसोडियम
कैसे काम करती है
इन दवाओं में मुख्य तौर पर पोटेशियम आयोडाइड (केआई) का इस्तेमाल होता है। परमाणु हमले के बाद भारी मात्रा में रेडियोधर्मी आयोडीन निकलता है। यह हमारी सांसों और त्वचा के जरिए शरीर में पहुंचता है। इसे हमारी थॉइराइड ग्रंथी सोख लेती है। इस दवा को को रेडियोधर्मी आयोडीन के संपर्क में आने से पहले या उसके तुरंत बाद लेना चाहिए। जब कोई व्यक्ति सही समय पर पोटेशियम आयोडाइड (केआई) की सही मात्रा लेता है, तो यह थायराइड को रेडियोधर्मी आयोडीन सोखने से रोक देता है।
पोटेशियम आयोडाइड और परमाणु हमले के बाद निकलने वाले रेडियोधर्मी आयोडीन दोनों अलग-अलग प्रकार के आयोडीन होते हैं। ये दोनों मनुष्य के थायरॉयड द्वारा अवशोषित किए जाते हैं। जब थायराइड पहले से ही पोटेशियम आयोडाइड को अवशोषित कर चुका होता है, और रेडियोधर्मी आयोडीन को सोखने के लिए जगह नहीं होती है।
दोगुनी से ज्यादा हुई कीमत
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद परमाणु विकिरण रोधी इन दवाओं की कीमत दो से तीन गुना तक हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप के लोग पोटेशियम आयोडाइड की गोलियां खरीदने में तेजी दिखा रहे हैं। ऑनलाइन बेचे जाने वाले उत्पादों के मूल्य पर नजर रखने वाली एक एजेंसी के मुताबिक, पोटेशियम आयोडाइड की 180 गोलियों वाली एक शीशी की कीमत वर्तमान में 5,338 रूपये के करीब है। इसी शीशी की कुछ सप्ताह पहले कीमत मात्र 2,289 रूपये थी।
दुष्प्रभाव
न्यूयार्क स्टेट के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बच्चों का थायरॉयड बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। वयस्कों में पेट की समस्या, मुंह और गले में जलन, त्वचा पर चकत्ते, मसूड़ों में दर्द जैसी समस्या हो सकती हैं। हालांकि परमाणु हमले के समय होने वाले नुकसान की तुलना में इस दवा का दुष्प्रभाव बेहद कम होता है।