रूस की सरकार ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक फाइव के उत्पादन और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए भारत से सहयोग मांगा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, कोविड-19 के लिए वैक्सीन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने 22 अगस्त को हुई अपनी बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की थी।
गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमिओलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के साथ मिलकर स्पुतनिक फाइव तैयार की है। इस वैक्सीन की तीसरे चरण में या विस्तृत क्लीनिकल ट्रायल में जांच नहीं की जा सकी है। वैक्सीन की क्षमता से संबंधित सीमित डाटा को लेकर कुछ हिस्सों में संदेह है।
तीसरे चरण के ट्रायल के लिए सहयोग मांगा
सरकार के सूत्र ने कहा, ‘रूस की सरकार ने भारत सरकार से संपर्क कर अपनी कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक फाइव के उत्पादन और देश में तीसरे चरण के ट्रायल के लिए सहयोग मांगा है। बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ ही स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग से इस मुद्दे को देखने के लिए कहा गया है। रूस के सरकारी अधिकारियों ने कुछ सूचनाएं और स्पुतनिक फाइव पर डाटा साझा किया है। वैक्सीन की सुरक्षा एवं क्षमता से संबंधित डाटा की प्रतीक्षा है।’
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के दूसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल आज से
पुणे। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन की डोज पुणे के भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज में पहुंच चुकी है। दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल के लिए मंगलवार को पहुंची डोज से बुधवार से ट्रायल शुरू हो सकता है। संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल के लिए देश में 17 जगहों का चुनाव किया है।
भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर संजय लालवानी ने कहा, ‘हमने पांच स्वयंसेवकों की पहचान की है जो कोविड-19 एवं एंटीबॉडी टेस्ट में हिस्सा लेंगे। वे लोग जिनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव है, उन्हें बुधवार को टीका दिया जाएगा।’