रूस ने अमेरिका के उन दावों को खारिज किया है कि मॉस्को शीत युद्ध के दौरान हुए अहम परमाणु हथियार समझौते का उल्लंघन कर रहा है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा कि आधारहीन आरोप फिर से दोहराए जा रहे हैं. इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा था कि रूस ‘‘इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्स’’ (आईएनएफ) संधि का उल्लंघन कर रहा है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अमेरिका के इस रुख के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं पेश किया गया है. ’’ उन्होंने इस संधि को वैश्विक स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की आधारशिला बताया. इस बीच क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा गया है ताकि संधि से हटने के अमेरिका के वास्तविक लक्ष्यों का पता नहीं चले.
इससे पहले पोम्पिओ ने मंगलवार को नाटो देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में कहा था कि अगर रूस ने अपनी मिसाइलों को नष्ट नहीं किया तो अमेरिका 60 दिन के भीतर परमाणु हथियारों को लेकर हुई महत्वपूर्ण संधि से खुद को अलग कर लेगा. नाटो ने कहा कि अब संधि को बचाने का दारोमदार रूस पर है. गौरतलब है कि अक्टूबर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका संधि से अलग हो जाएगा और परमाणु हथियारों का जखीरा खड़ा करेगा.
लेकिन सोमवार को अमेरिका नेता ने कहा कि वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करना चाहते हैं. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि रूस ने नोवेटर 9एम729 मिसाइल तैनात की है जो संधि का उल्लंघन है. इस संधि के तहत जमीन से दागी जाने वाली 500 से 5,500 किलोमीटर रेंज की मिसाइलें प्रतिबंधित हैं.