भारत ने गुरुवार को कहा कि रूसी सेना में सहायक कर्मचारियों के तौर पर काम कर रहे लगभग 20 भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द कार्यमुक्त कराने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, “हमारा मानना है कि वहां 20 लोग (भारतीय) हैं जो रूसी सेना में सहायक या सहायक कर्मचारियों के तौर पर काम करने के लिए गए थे। हम उन्हें निकालने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें कार्यमुक्त कराने एवं उनकी मदद करने का प्रयास कर रहे हैं।”
लोगों ने मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया
उन्होंने बताया कि इन लोगों ने मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था। वे विभिन्न स्थानों पर हैं और भारतीय दूतावास उनसे संपर्क बनाए हुए है। जायसवाल ने बताया कि इन भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारत दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह रूसी अधिकारियों के संपर्क में है।
ऐसी स्थिति में न फंसे जो मुश्किल हो
उन्होंने कहा, “हमने लोगों से कहा कि वे युद्ध क्षेत्र में न जाएं या ऐसी स्थिति में न फंसे जो मुश्किल हो। हम अपने सभी लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।” विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि भारत की मांग पर रूस की सेना ने सहायक के तौर पर कार्य कर रहे कई भारतीयों को कार्यमुक्त कर दिया है।
मौत की सजा पाए आठ पूर्व नौसेना पर दिया बयान
कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों की रिहाई से जुड़े मामले में जायसवाल ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं कि अल दहरा ग्लोबल मामले में शामिल सभी आठ भारतीयों को रिहा कर दिया गया है। उनमें से सात भारत लौट चुके हैं। आठवें भारतीय नागरिक को कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। जब ये पूरी हो जाएंगी तो वह भी लौट आएंगे।”
मालदीव में भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी का मामला
मालदीव में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर को संचालित करने के लिए तकनीकी कर्मियों की पहली टीम मालदीव पहुंच चुकी है। यह वर्तमान कर्मियों का स्थान लेगी जो अभी इसे संचालित कर रहे हैं।”
भारत में विदेशी नागरिकों का प्रवेश एक संप्रभु निर्णय
उल्लेखनीय है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले दल को वापस बुलाने के लिए 10 मार्च की समयसीमा तय की थी। ब्रिटिश नागरिक निताशा कौल को वापस भेजने से जुड़े सवाल पर जायसवाल ने कहा, “यह विशेष ब्रिटिश नागरिक (निताशा) 22 फरवरी को भारत आई थीं। जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे देश में विदेशी नागरिकों का प्रवेश एक संप्रभु निर्णय है..।”
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचते ही लौटा दिया गया
निताशा ने दावा किया था कि उन्हें कर्नाटक सरकार ने संवैधानिक अधिकारों पर दो दिवसीय संगोष्ठि के लिए आमंत्रित किया था और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उन्हें लौटा दिया गया था। भाजपा ने दावा किया था कि निताशा कथित तौर पर पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखती हैं।
भारत का रुख सभी को अच्छी तरह पता
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर प्रवक्ता ने कहा, “हमारा रुख सभी को अच्छी तरह पता है। हमने विभिन्न स्तरों, यहां तक कि उच्चतम स्तर पर कहा है कि भारत चाहता है कि वार्ता हो, कूटनीति हो ताकि दोनों पक्ष साथ आ सकें और शांति स्थापित कर सकें।” उन्होंने यह भी बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर पांच से आठ मार्च तक दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा करेंगे।