रूस के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अफगानिस्तान के सत्तारूढ़ तालिबान पर दो दशक से अधिक पुराने प्रतिबंध को हटा दिया है। इससे मॉस्को और काबुल के बीच पूर्ण संबंध स्थापित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
सर्वोच्च न्यायालय का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू
रूस ने 2003 में तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। हालांकि, अगस्त 2021 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
बंद कमरे में हुई सुनवाई
बंद कमरे में हुई सुनवाई में तालिबान के वकील और प्रतिनिधि मौजूद थे। दिसंबर 2024 में रूसी संसद ने कानून में संशोधन किया था, जिसने समूह के साथ बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए तालिबान पर प्रतिबंध को अस्थायी रूप से हटाने की अनुमति दी थी।
अफगानिस्तान के लिए रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत और शीर्ष राजनयिक के सलाहकार जमीर काबुलोव ने बताया कि इस फैसले से दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनीतिक और आर्थिक संबंधों के लिए कानूनी बाधाएं दूर हो गई हैं।
तालिबान को पूर्ण राजनयिक मान्यता देने से इन्कार
द्विपक्षीय संबंधों को पूरी तरह से सामान्य बनाने के लिए हमें अफगानों के साथ मिलकर काम करना होगा। इससे पहले, एक साक्षात्कार में काबुलोव ने कई अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा किए जाने तक तालिबान को पूर्ण राजनयिक मान्यता देने से इन्कार कर दिया था