लखनऊ. कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के विभाग में आडिट ऑफिसर के फर्जी होने का खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) मुख्यालय लखनऊ में फर्जी सीए के सर्टिफिकेट पर आडिट ऑफिसर बनकर 5 साल से काम कर रहे वाहिद रिजवी का सर्टिफिकेट तक विभाग जांच नहीं करवा पाया। अब आरटीआई से खुलासा हुआ है कि रिजवी के सभी सर्टिफिकेट फर्जी हैं।
5 साल पहले आडिट ऑफिसर बनने वाले वाहिद रिजवी ने द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के जिस सर्टिफिकेट पर नौकरी ज्वाइन की उसको आईसीएआई ने फर्जी करार दे दिया है। यही नहीं रिजवी ने आडिट ऑफिसर बनने के लिए अपने को एके मेहरा एंड कंपनी में ट्रेनी दिखाया है, लेकिन एके मेहरा एंड कंपनी ने भी इसे फर्जी बताया है। यदि एनएचएम इसकी जांच करवाता है, तो फर्जी पाए जाने पर रिजवी की न केवल जेल हो सकती है, बल्कि पांच साल तक आडिट ऑफिसर बनकर जो सैलरी उन्होंने ली, उसकी भी रिक्वरी एनएचएम करवा सकता है। हालांकि विधानसभा सत्र होने की वजह से इस खुलासे को लेकर विभागीय मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से बात नहीं हो पाई है।
एनएचएम में फर्जी दस्तावेजों के सहारे आडिट ऑफिसर बनने वाले वाहिद रिजवी से जब इस संबंध में बात की गई, तो वह एसआर नंबर होने का दावा करने लगे। उनका कहना है कि उनके पास सर्टिफिकेट है, लेकिन उसका नंबर याद नहीं है। वह बाद में इसका नंबर बता देंगे, हालांकि रिजवी ने बाद में फोन रिसीव नहीं किया। रिजवी का सर्टिफिकेट फर्जी है, इस संबंध में रिजवी के विभाग के अधिकारियों में भी चर्चा है, लेकिन बताया जा रहा है कि विभाग के कुछ बड़े अधिकारियों तक रिजवी की पहुंच होने की वजह से ये अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
ट्रेनिंग को लेकर रिजवी का कहना है कि उन्होंने बीसी जैन एंड कंपनी से ट्रेनिंग की है, हालांकि इसका भी कोई प्रमाण वह नहीं दिखा सके। ऐसे में सवाल ये उठता है कि एनएचएम में फर्जी आडिट ऑफिसर की तैनाती कैसे हुई। आडिट ऑफिसर जैसे महत्वपूर्ण पद पर बिना सीए सर्टिफिकेट सत्यापन के ज्वाइन करवाने वाला रैकेट कौन चला रहा है। सूत्रों की माने तो एनएचएम में आडिट ऑफिसर बनने के लिए वाहिद रिजवी ने खुद ही दूसरे के डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़ कर (फर्जीवाड़ा) अपने नाम का फर्जी सर्टिफिकेट तैयार कर लिया। इस फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे एनएचएम में आडिट ऑफिसर बनने में भी रिजवी कामयाब भी हो गया, लेकिन अब 5 साल बाद जब इसका खुलासा हो रहा है, तो उसके पास जवाब नहीं है। नौकरी पाने के लिए अपने दस्तावेजों में ट्रेनिंग का भी उल्लेख रिजवी ने किया है। ट्रेनिंग को लेकर रिजवी ने एके मेहरा एंड कंपनी का नाम लिखा है। हालांकि एके मेहरा एंड कंपनी भी इसे बड़ा फर्जीवाड़ा मान रही है। उसने पत्र जारी कर ये कह दिया है कि उसके यहां वाहिद रिजवी ने कभी ट्रेनिंग नहीं ली। एके मेहरा की कंपनी का लेटर दिखाने पर रिजवी का कहना है कि उन्होंने बीसी मेहरा एंड कंपनी से ट्रेनिंग ली है।
मिशन निदेशक पंकज कुमार का कहना है कि इस तरह का कोई मामला यदि है, तो केस दर्ज होगा। कार्रवाई होगी। फिल हाल उनके संज्ञान में ये मामला पहली बार आया है। देखेंगे विभाग में फर्जी दस्तावेज के सहारे यदि कोई नौकरी कर रहा है तो उसके ऊपर केस दर्ज करवाया जाएगा।
रिजवी के फर्जी दस्तावेजों को जीएम एचआर सुधा यादव ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि वह इसकी जांच करवाएंगी। मामले की उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन इस तरह की गतिविधियों पर फौरन कार्रवाई करेंगे।