संगठन की कमजोरी-मजबूती को नजर अंदाज कर चुनावी किले फतह करने की जुगत में रही कांग्रेस अब गिरेबां में झांकने को तैयार है। लगातार हार की समीक्षा कर रहे हाईकमान का शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पश्चिमी उप्र की बैठक में भी सच से सामना हो गया। आखिरकार राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया बेहिचक बोले कि अब पार्टी जमीनी मुद्दों और कार्यकर्ताओं के सुझाव लेकर संगठन को मजबूत करेगी।
कांग्रेस के पश्चिमी उप्र प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रदेशाध्यक्ष राज बब्बर के साथ 29 लोकसभा सीटों पर हार की समीक्षा की। लगातार 6.30 घंटे चली बैठक में बारी-बारी से उन्होंने लोकसभा क्षेत्रवार प्रत्याशी, संयोजक, जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि और संगठन पदाधिकारियों से बात कर हार के कारण जानने का प्रयास किया। साथ ही सुझाव भी मांगे। सिंधिया ने बताया कि समीक्षा में कई सुझाव आए हैं। हमें संगठन को मजबूती देनी है। जमीनी स्तर पर मुद्दों की लड़ाई लडऩी होगी। संगठन में ऊर्जा का संचार करने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं के सुझाव लेंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम संतोषजनक नहीं आए हैं.
अगले दो हफ्ते में हम विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी शुरू कर देंगे। बैठक में सभी प्रत्याशी, संयोजक और संगठन पदाधिकारी बुलाए गए थे, मगर तमाम प्रत्याशी और पदाधिकारी नहीं पहुंचे। बैठक में अधिकांश क्षेत्रों के प्रत्याशी और संगठन पदाधिकारी एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ते रहे। प्रत्याशियों का कहना था कि संगठन कमजोर रहा, जबकि संगठन पदाधिकारियों ने तोहमत लगाई कि हमें प्रत्याशी ने पूछा ही नहीं। 12 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के सवाल पर बोले कि इसकी भी तैयारी कर रहे हैं। स्थानीय नेताओं के साथ विचार-विमर्श कर संगठन बदलेंगे और इन सभी सीटों पर प्रत्याशियों का चयन करेंगे। गठबंधन की संभावनाओं के सवाल पर सिंधिया का कहना था कि हम लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़े।