दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंच गया. इस प्रतिनिध मंडल में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, आनंद शर्मा, रणदीप सुरेजवाला समेत कई नेता शामिल हैं. राष्ट्रपति कोविंद को कांग्रेस की ओर से मेमोरेंडम दिया गया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि गृह मंत्री और पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम रही. दिल्ली और केंद्र सरकार ने हिंसा की अनदेखी की. हिंसा की वजह से अब तक 34 लोगों की मौत हुई, 200 से अधिक लोग घायल हैं. करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ. इस मेमोरेंडम में हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ ही पीड़ितों को मदद मुहैया कराने की मांग की गई है.
इसके साथ सोनिया गांधी ने कहा कि घटना को लेकर कार्रवाई करने की बजाय केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मूकदर्शक बनी रही. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोई कार्यवाही नहीं की, जिसकी वजह से 34 लोगों की जान चली गई. सोनिया गांधी ने एक बार फिर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की और कहा कि वह स्थिति को संभालने में नाकाम साबित हुए हैं
इससे पहले कांग्रेस ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर के अचानक तबादले पर सवाल उठाया. प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि आधी रात में जस्टिस मुरलीधर के तबादले से हैरानी हुई. सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है.
प्रियंका गांधी वाड्रा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया और कहा, ‘बहादुर जज लोया को नमन, जिनका ट्रांसफर नहीं किया गया था.’