बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में सांसदों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने नागरिकता कानून को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस तरह से महात्मा गांधी के सपनों को पूरा किया है. उन्होंने कहा, ‘माननीय सदस्यगण भारत ने हमेशा सर्वपंथ विचारधारा में यकीन किया है. लेकिन भारत विभाजन के समय भारतवासियों और उनके विश्वास पर प्रहार किया गया. विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वो भारत आ सकते हैं.’
राष्ट्रपति के इतना बोलते ही बीजेपी सांसदों ने मेज थपथपाने लगे. पीएम मोदी भी वीडियो में मेज थपथपाते नजर आए. काफी देर तक एनडीए के सहयोगी दलों ने मेज थपथपाकर राष्ट्रपति की बातों का समर्थमन किया. तकरीबन 15-20 सेकेंड तक ऐसा ही चलता रहा. फिर राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया. तालियां बजती रही.
राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘इन लोगों को सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है. पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने इसे आगे बढ़ाया. हमारे राष्ट्र निर्माताओं के उस इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है. मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता कानून बनकर महापुरुषों की इच्छा को सम्मान दिया गया.
एक बार फिर से सेंट्रल भवन में सांसदों ने मेज थपथपाना शुरू कर दिया. तकरीबन 40-50 सेकेंड तक सिर्फ मेज थपथपाने की अवाजें आती रही. उसके बाद राष्ट्रपति ने एक बार फिर से बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा विशेषकर ऐसे समय में….. लेकिन मेज थपथपाने की आवाज गूंजती रही. तकरीबन 10-15 सेकेंड के बाद फिर राष्ट्रपति ने बोलना शुरू किया.
उन्होंने कहा कि विशेषकर ऐसे समय में जब देश में महात्मा गांधी की जयंती का पर्व मना रहा हो.. इसी बीच पीछे से कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता ने विरोध करना शुरू कर दिया. वो नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.