दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने के मामले में मो. तारिक, मो. आरिफ, शाकिब, आसिफ और इसरार उर्फ बबलू को उम्रकैद व जुर्माना से दंडित किया गया है। अपर जिला जज सुनील कुमार ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि जुर्माना में वसूल की गई रकम से 50-50 हजार रुपये मृतकों के स्वजनों को बतौर क्षतिपूर्ति दी जाए। घटना नवाबगंज थाना क्षेत्र में हुई थी।
प्रधानी चुनाव को लेकर अभियुक्तों ने रईस को रायफल व तमंचे से गोली मारी थी
20 दिसंबर 2011 को रईस अहमद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि रईस, हाशिम और उसीर अहमद मजदूरों को बुलाने जा रहे थे। उसी दौरान अभियुक्तों ने ललकारते हुए कहा कि ग्राम प्रधानी के चुनाव में उन्होंने कल्लू प्रधान का साथ दिया था। फिर रायफल और तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी। हाशिम की मौके पर जबकि उसीर की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था।
शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने 16 गवाह पेश कर आरोप साबित किया
कोर्ट में अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने 16 गवाह पेश कर आरोप साबित किया। इस पर अदालत ने पांचों अभियुक्तों पर दोष सिद्ध पाया। सजा की मात्रा के बिंदु पर बचाव पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि अभियुक्त तारिक की उम्र 51 साल है, जबकि अन्य अभी युवा हैं। उनमें सुधार की काफी संभावना है। इन परिस्थितियों को देखते हुए कम से कम सजा दी जाए।
जिला जज की कोर्ट में होगा कार्य
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हरिसागर मिश्रा व मंत्री राकेश दुबे ने बताया कि जिला जज के कक्ष में संघ पदाधिकारियों से वार्ता हुई है। इसमें बुधवार से अधिवक्ता जिला जज की कोर्ट में पूर्ववत काम करने का निर्णय लिया गया।