राम मंदिर के लिए गठित किए गए ट्रस्ट को लेकर निर्मोही अखाड़ा में असंतोष गहरा रहा है। निर्मोही अखाड़ा के पक्षकार राजा रामचंद्र आचार्य मंगलवार की देर रात अयोध्या पहुंचे। बुधवार को उन्होंने साफ कहा कि नए ट्रस्ट में कई खामियां हैं। सरकार ने ट्रस्ट गठन के दौरान निर्मोही अखाड़ा की राय नहीं ली।

निर्मोही अखाड़ा का जो प्रतिनिधित्व दिया है उसे भी अधिकार हीन बताया जा रहा है। कहा कि नए ट्रस्ट को लेकर पंचों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। उन्होंने इसको लेकर कोर्ट जाने के भी संकेत दिए। सरपंच राजा रामचंद्र ने ट्रस्ट गठन पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा को ट्रस्ट में रखने की बात कही थी। किसी एक का नाम नहीं लिया। निर्मोही अखाड़ा एक संस्था है एक व्यक्ति नहीं पंचायती व्यवस्था है। पंचों से कोई राय नहीं ली गयी। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट को लेकर असहमति है। अब जो ट्रस्ट गठित हुआ है। उसको लेकर पंचो के साथ चर्चा करेंगे ।
इसके बाद एक प्रस्ताव रखेंगे। जिसमें महंत दिनेन्द्र दास की भी राय ली जाएगी। इसके बाद इस प्रस्ताव को कानूनी तरीके से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कोर्ट जाने का संकेत देते हुए कहा कि सरकार यदि उनसे पूछेगी तो जवाब जरूर देंगे नहीं तो कानूनी मार्ग खुला हुआ है। कहा कि हमारी इच्छा है कि मंदिर में देरी नहीं होनी चाहिए। राम मंदिर शीघ्र बनना चाहिए।
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